प्रश्न 1: कविता चतुर चित्रकार के कवि कौन हैं?
उत्तर: इस कविता के कवि रामनरेश त्रिपाठी जी हैं। उन्होंने इसमें एक चित्रकार की चतुराई और साहस को बहुत सुंदर ढंग से दिखाया है।
प्रश्न 2: चित्रकार जंगल में क्या कर रहा था?
उत्तर: चित्रकार जंगल की सुनसान जगह पर चित्र बना रहा था। वह नदी, पहाड़ और पेड़–पौधों के चित्र बना रहा था।
प्रश्न 3: चित्रकार को देखकर सबसे पहले शेर ने क्या किया?
उत्तर: शेर चित्रकार के सामने बैठ गया। वह ध्यान से चित्रकार की ओर देखने लगा।
प्रश्न 4: चित्रकार ने शेर को क्या कहकर बैठाया?
उत्तर: चित्रकार ने कहा कि वह शेर का सुंदर चित्र बनाएगा। यह सुनकर शेर शांति से बैठ गया।
प्रश्न 5: शेर ने कब अपनी पीठ घुमाई?
उत्तर: जब चित्रकार ने कहा कि अब पीछे का चित्र बनाना है। यह सुनकर शेर ने पीठ घुमाई।
प्रश्न 6: चित्रकार शेर से कैसे बच निकला?
उत्तर: शेर के पीठ घुमाते ही चित्रकार धीरे-धीरे झील किनारे पहुँचा। वह नाव पकड़कर वहाँ से भाग निकला।
प्रश्न 7: शेर ने चित्रकार को क्या आवाज़ लगाई?
उत्तर: शेर ने कहा कि "कागज़ और कलम तो लेता जा।" उसने चित्रकार को डरपोक भी कहा।
प्रश्न 8: चित्रकार ने शेर को क्या जवाब दिया?
उत्तर: चित्रकार ने कहा कि इन्हें तुम ही रखो। तुम जंगल में बैठकर चित्र बनाने का अभ्यास करो।
प्रश्न 9: कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: इस कविता से हमें सीख मिलती है कि कठिन समय में घबराना नहीं चाहिए। हमें चतुराई और समझदारी से काम लेना चाहिए।
प्रश्न 10: चित्रकार ने हिंसा करने की बजाय क्या किया?
उत्तर: उसने शेर को मारने के बजाय अपनी चतुराई से धोखा दिया। इस तरह वह शेर से बच निकला।
प्रश्न 1: चित्रकार की बहादुरी और चतुराई कविता में कैसे दिखाई देती है?
उत्तर: चित्रकार जंगल में चित्र बना रहा था कि तभी शेर आ गया। वह पहले तो डर गया, लेकिन तुरंत हिम्मत दिखाकर बोला कि मैं तुम्हारा चित्र बनाऊँगा। शेर उसकी बात मानकर बैठ गया। चित्रकार ने बहाना बनाकर शेर से पीठ घुमा ली। मौका मिलते ही वह नाव पकड़कर भाग निकला। इससे उसकी बहादुरी और चतुराई साफ दिखाई देती है।
प्रश्न 2: कविता के अनुसार शेर किस तरह चित्रकार के धोखे में आ गया?
उत्तर: चित्रकार ने शेर से कहा कि वह उसका सुंदर चित्र बनाएगा। यह सुनकर शेर खुशी से बैठ गया। फिर चित्रकार ने कहा कि अब पीछे का चित्र बनाना है। शेर ने आँखें मूँदकर पीठ फेर ली। उसी समय चित्रकार धीरे से निकल गया। इस तरह शेर धोखे में आ गया।
प्रश्न 3: चित्रकार ने नाव पकड़कर भागते समय क्या अनुभव किया?
उत्तर: चित्रकार नाव तक पहुँचते ही राहत की साँस लेने लगा। उसे लगा कि अब वह सुरक्षित है। उसने जल्दी-जल्दी नाव चलाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे वह शेर से दूर निकल गया। शेर उसे देखता ही रह गया। चित्रकार को चतुराई से जीतने की खुशी मिली।
प्रश्न 4: कविता में शेर और चित्रकार की बातचीत से क्या संदेश मिलता है?
उत्तर: शेर ने गुस्से में चित्रकार से कहा कि कागज़–कलम तो लेता जा। इस पर चित्रकार ने कहा कि इन्हें तुम ही रखो और जंगल में अभ्यास करो। इससे पता चलता है कि चित्रकार न केवल बहादुर था, बल्कि मजाकिया भी था। उसने डर के समय भी अपना संयम नहीं खोया। यह हमें कठिन समय में हिम्मत बनाए रखने की सीख देता है।
प्रश्न 5: कविता से हमें कठिन परिस्थितियों से निपटने की क्या सीख मिलती है?
उत्तर: कविता में चित्रकार शेर से सामना करता है। वह डरने के बजाय अपनी चतुराई का उपयोग करता है। उसने शेर को मारने या हिंसा करने की जगह समझदारी दिखाई। सही समय पर योजना बनाकर वह बच निकलता है। इससे हमें सीख मिलती है कि मुश्किल समय में धैर्य और चतुराई ज़रूरी है। घबराने की बजाय समझदारी से सोचना ही असली बुद्धिमानी है।
5 videos|157 docs|12 tests
|
1. "चतुर चित्रकार" कहानी का मुख्य विचार क्या है? | ![]() |
2. "चतुर चित्रकार" के मुख्य पात्र कौन-कौन हैं? | ![]() |
3. कहानी में चित्रकार ने अपनी चतुराई का उपयोग कैसे किया? | ![]() |
4. "चतुर चित्रकार" कहानी से हमें कौन-से नैतिक शिक्षा मिलती है? | ![]() |
5. "चतुर चित्रकार" के माध्यम से समाज को क्या संदेश दिया गया है? | ![]() |