Class 6 Exam  >  Class 6 Notes  >  Sample Papers For Class 6  >  Class 6 Hindi: Sample Paper Solutions - 3

Class 6 Hindi: Sample Paper Solutions - 3 | Sample Papers For Class 6 PDF Download

खण्ड 'क' (अपठित बोध)

उत्तर 1:
(i) (घ) 
बेटे ने माँ को

(ii) (ख) माँ के चरणों की सेवा करना

(iii) (ख) माँ धैर्य धारण करेगी

(iv) (ख) भारतमाता की

(v) (क) सम्मानित

उत्तर 2:
(i) (ख) पैसे

(ii) (क) सेठ बनना

(iii) (ख) बंजर

(iv) (ख) धूल हो गए

(v) (ख) छुटपन में

खण्ड 'ख' (रचनात्मक लेखन)

उत्तर 3: तीन दिन के अवकाश के लिए अपने विद्यालय के प्राचार्य को प्रार्थना-पत्र
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
[विद्यालय का नाम],
[विद्यालय का पता]
विषय: तीन दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र
महोदय,
नम्र निवेदन है कि मैं [अपना नाम], कक्षा [अपनी कक्षा] का छात्र/छात्रा हूँ। मुझे परिवार में एक महत्वपूर्ण कार्य के कारण [तारीख] से [तारीख] तक तीन दिन का अवकाश चाहिए।
अतः आपसे निवेदन है कि कृपया मुझे दिनांक [तारीख] से [तारीख] तक का अवकाश प्रदान करें। मैं आश्वासन देता/देती हूँ कि मैं अपनी पढ़ाई में कोई कमी नहीं होने दूँगा/दूँगी और छुट्टी के बाद कक्षा में नियमित रूप से उपस्थित रहूँगा/रहूँगी।
आपकी कृपा के लिए मैं सदा आभारी रहूँगा/रहूँगी।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी छात्र/छात्रा
[अपना नाम]
[कक्षा]
[अनुक्रमांक]

अथवा

अपनी नई कक्षा का वर्णन करते हुए अपने दादाजी को पत्र
प्रिय दादाजी,
सादर प्रणाम!
आशा है कि आप स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मैं इस वर्ष [अपनी कक्षा] में आ गया/गई हूँ। मेरी नई कक्षा बहुत सुंदर और बड़ी है। इसमें बड़े-बड़े खिड़की-दरवाजे हैं, जिससे ताजी हवा आती रहती है। हमारी कक्षा में एक स्मार्ट बोर्ड भी लगा हुआ है, जिससे पढ़ाई और भी रोचक हो गई है।
मेरे नए कक्षा शिक्षक/शिक्षिका बहुत ही अच्छे हैं। वे हमें प्यार से समझाते हैं और हमसे बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं। मेरी कक्षा में मेरे कई पुराने मित्र भी हैं और कुछ नए दोस्त भी बने हैं। सभी बहुत मिलनसार और मददगार हैं।
मैं अपनी पढ़ाई पूरी मेहनत और लगन से कर रहा/रही हूँ। आपसे मिलने की बहुत इच्छा हो रही है। कृपया हमें जल्द मिलने का अवसर दें।
आपका स्नेही
[अपना नाम]

उत्तर 4: 
(क) ग्रीष्म ऋतु
भारत में वर्षा, शरद, हेमंत, बसंत और ग्रीष्म पाँच ऋतुएँ होती हैं। इनमें से ग्रीष्म ऋतु सबसे गर्म ऋतु होती है, जो प्रायः मार्च से जून तक रहती है। इस ऋतु में सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे वातावरण अत्यधिक गर्म हो जाता है। दिन लंबे और रातें छोटी हो जाती हैं।
इस ऋतु में गर्मी के कारण तालाब, नदी और झरने सूखने लगते हैं। पशु-पक्षी भी जल की खोज में भटकते हैं। मनुष्य को तेज धूप से बचने के लिए छायादार स्थानों में रहना पड़ता है। इस मौसम में लू चलती है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ग्रीष्म ऋतु में आम, तरबूज, खरबूजा, लीची जैसे स्वादिष्ट फल मिलते हैं। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करते हैं। हालांकि यह ऋतु कठिनाइयों से भरी होती है, लेकिन इसके बाद आने वाली वर्षा ऋतु सभी को सुखद अनुभूति कराती है। अतः ग्रीष्म ऋतु का भी अपना विशेष महत्व है।

(ख) मेरे जीवन की यादगार घटना
मनुष्य के जीवन में अनेक घटनाएँ घटती हैं, लेकिन कुछ घटनाएँ इतनी विशेष होती हैं कि वे जीवनभर याद रहती हैं। मेरे जीवन की सबसे यादगार घटना वह थी जब मैंने पहली बार साइकिल चलाना सीखा।
मैं बहुत छोटा था और साइकिल चलाने की बहुत इच्छा थी। मेरे पिताजी ने मुझे एक छोटी साइकिल दिलाई। पहले दिन जब मैंने साइकिल चलाने की कोशिश की, तो मैं गिर गया। मैं बार-बार कोशिश करता रहा, लेकिन हर बार गिर जाता था। मुझे बहुत निराशा हुई, लेकिन मेरे पिताजी ने मुझे हिम्मत दी।
लगातार अभ्यास करने के बाद एक दिन मैंने संतुलन बनाना सीख लिया और बिना गिरे साइकिल चलाने लगा। वह क्षण मेरे लिए बहुत खास था। यह घटना मुझे हमेशा याद रहेगी क्योंकि इसने मुझे सिखाया कि मेहनत और धैर्य से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।

(ग) पहला सुख निरोगी काया
"पहला सुख निरोगी काया" एक प्रसिद्ध कहावत है, जिसका अर्थ है कि स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा सुख है। यदि शरीर स्वस्थ नहीं है, तो जीवन में कोई भी सुख आनंद नहीं दे सकता।
स्वस्थ रहने के लिए हमें नियमित व्यायाम करना चाहिए और संतुलित आहार लेना चाहिए। ताजे फल, सब्जियाँ और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन आवश्यक है। अनियमित दिनचर्या और जंक फूड से परहेज करना चाहिए।
व्यायाम के अलावा मानसिक स्वास्थ्य भी जरूरी है। सकारात्मक सोच, तनाव से बचाव और खुश रहने से शरीर स्वस्थ रहता है। यदि कोई व्यक्ति धनवान है, लेकिन उसका स्वास्थ्य खराब है, तो वह जीवन का आनंद नहीं ले सकता।
अतः जीवन में स्वास्थ्य को सबसे अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए। स्वस्थ शरीर ही सच्ची संपत्ति है और इसके बिना कोई भी सफलता अधूरी है। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।

(घ) खेलों का महत्त्व
खेलों का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मन को भी प्रसन्नचित्त बनाते हैं। खेलों से अनुशासन, आत्मविश्वास और परिश्रम करने की भावना विकसित होती है।
खेल दो प्रकार के होते हैं—इनडोर खेल और आउटडोर खेल। इनडोर खेलों में शतरंज, कैरम, बैडमिंटन आदि आते हैं, जबकि आउटडोर खेलों में क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी आदि शामिल हैं। ये खेल न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि शरीर को भी मजबूत बनाते हैं।
खेलों से टीम वर्क की भावना विकसित होती है और जीवन में संघर्ष करने की शक्ति मिलती है। अनेक खिलाड़ी खेलों के माध्यम से देश का नाम रोशन करते हैं। खेलों को शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग भी माना जाता है।
अतः खेलों का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्त्व है। हमें प्रतिदिन किसी न किसी खेल में भाग लेना चाहिए ताकि हम स्वस्थ और सक्रिय रह सकें।

खण्ड 'ग' (व्याकरण अनुभाग)

उत्तर 5:
(i) सार्थक शब्द वे होते हैं जिनका कोई अर्थ होता है, जैसे "पानी" (जल), "फूल" (पुष्प)। निरर्थक शब्द वे हैं जिनका कोई अर्थ नहीं होता, जैसे "अबक", "चकमक"।

(ii) समास वह प्रक्रिया है जिसमें दो या अधिक शब्द मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं और उनके बीच का संबंध सूचक शब्द (विभक्ति) लुप्त हो जाता है, जैसे "राजपुत्र" (राजा का पुत्र)।

(iii) संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव के नाम को दर्शाता है। उदाहरण: "राम" (व्यक्ति), "किताब" (वस्तु), "दिल्ली" (स्थान), "खुशी" (भाव)। 
भेद: व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक।

(iv) उपसर्ग वह शब्दांश है जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ को बदल देता है, जैसे "प्रति" + "कार्य" = "प्रतिकार्य"।

(v) प्रत्यय वह शब्दांश है जो शब्द के अंत में जुड़कर नया अर्थ बनाता है। उदाहरण: "पढ़" + "आई" = "पढ़ाई" (पढ़ने की क्रिया)।

उत्तर 6:
(i) पुस्तक: मूल शब्द - "पुस्त" (पढ़ने योग्य सामग्री), प्रत्यय - "अक" (संज्ञा बनाने वाला)
मेज: मूल शब्द - "मेज" (यह एक मूल शब्द है, इसमें प्रत्यय नहीं है; संस्कृत "मंज" से व्युत्पन्न, पर यहाँ अविभाज्य माना जाता है)

(ii)
(क) असत्य (लिखित भाषा वह होती है जो लिखी जाती है, जबकि बोलचाल की भाषा मौखिक होती है।)
(ख) सत्य (अर्थ की दृष्टि से शब्द सार्थक और निरर्थक दो प्रकार के होते हैं।)

(iii) 
(क) बारिश में ठंडक बहुत अच्छा लगता है।
(ख) राहुल ने खेल करके समय बिताया।

(iv) 
खिलाड़ी: मूल शब्द - "खिल" (खेलना), प्रत्यय - "आड़ी" (कर्ता संज्ञा बनाने वाला)
सुंदरता: मूल शब्द - "सुंदर" (सुंदर), प्रत्यय - "ता" (भाववाचक संज्ञा बनाने वाला)

(v) 
(क) नीला + आकाश = नीलाकाश (कर्मधारय समास - नीला जैसा आकाश)
(ख) शीत + ऋतु = शीतऋतु (तत्पुरुष समास - शीत की ऋतु)

खण्ड 'घ' (पठित बोध)

​उत्तर 7:
(i) (क) पंद्रह मील

(ii) (ख) 67 प्रतिशत

(iii) (घ) 53 प्रतिशत

(iv) (ग) कॉलेज

(v) (ख) अंग्रेज़ी

​उत्तर 8:

(i) (ग) वर्षा ऋतु के पहले दिन

(ii) (ख) धरती के उस भाग पर जहाँ पर वर्षा ऋतु की बूँदें गिरी

(iii) (ख) नया जीवन

(iv) (घ) अमृत

(v) (ख) अँगड़ाई लेकर

उत्तर 9: 
(क) 
पारस वह बहुमूल्य वस्तु है जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। इसे स्पर्शमणि भी कहा जाता है।

(ख) मौरिशस में पहले कुछ नहीं होता था। भारतीय लोगों ने वहाँ जाकर गन्ने की खेती आरंभ की। ये भारतीय बिहार तथा उत्तर प्रदेश से वहाँ एक एग्रीमेंट के तहत गए थे। उन्होंने खेतों में बहुत गन्ना उपजाकर मॉरिशस में चीनी उद्योग स्थापित किया। अब यही उद्योग वहाँ का प्रमुख उद्योग है।

​(ग) राणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था। उसकी यह विशेषता थी कि हवा जितनी तेजी से दौड़ता था। वह शत्रुओं के मस्तक पर दौड़ लगाता जान पड़ता था। वह एक अनोखा घोड़ा था।

(घ) देवगढ़ रियासत के दीवान सरदार सुजानसिंह ने राजा साहब से यह प्रार्थना कि अब वे बूढ़े हो चले हैं अतः चालीस साल की नौकरी से अब उन्हें मुक्त कर दिया जाए। वे नहीं चाहते कि उनकी नेकनामी में कोई बट्टा जीवन के अंतिम वर्षों में लग जाए।

(ङ) उस खिलाड़ी के हॉकी खेलते हुए पैरों में चोट लग गई थी। वह जख्मी होने के कारण लँगड़ाता हुआ धीरे-धीरे चल रहा था। फिर भी वह किसान की सहायता करना चाहता था।​​

(च) कृष्ण ने माता यशोदा को चेतावनी देते हुए कहा कि अब मैं तेरे इशारों पर नहीं नाचूँगा, बहुत नाच लिया। अपनी लाठी और कंबल मुझसे ले ले और मुझे इससे मुक्त कर दे।

उत्तर 10: 
(क) 
एंजेला के दोस्त काल्पनिक खेल खेलते थे जिसमें दूर-दराज़ की दुनिया का जिक्र किया गया हो।

(ख) ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा पुस्तक के प्रकाशित होते ही लोगों में अंग्रेज़ों के विरुद्ध क्रोध और बढ़ गया। इससे अंग्रेज़ बुरी तरह डर गए।

​​(ग) रहीम जी ने ‘धागा’ और ‘गाँठ’ के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया है कि प्रेम और संबंध बहुत नाजुक होते हैं। यदि इन्हें तोड़ा जाए, तो फिर से जोड़ने पर उनमें गाँठ पड़ जाती है अर्थात् संबंधों में खटास आ जाती है।

(घ) रेजिमेंट में हॉकी खिलाड़ियों को उनकी सुविधानुसार किसी भी समय अभ्यास करने की सुविधा दी गई थी। गद्यांश के अनुसार रेजिमेंट में हॉकी खेलने का कोई निश्चित समय नहीं था। सैनिक अपनी सुविधा के अनुसार मैदान में जाकर अभ्यास कर सकते थे।

(ङ) राणा प्रताप का चेतक इतना जागरूक और समझदार था कि अपने स्वामी की आज्ञा एवं इशारे को पहले ही भाँप जाता था। अतः राणा प्रताप को कोड़ा मारने की नौतब आती ही न थी।

प्रश्न के लिए यहाँ क्लिक करें: Sample Paper - 3

The document Class 6 Hindi: Sample Paper Solutions - 3 | Sample Papers For Class 6 is a part of the Class 6 Course Sample Papers For Class 6.
All you need of Class 6 at this link: Class 6
50 docs

FAQs on Class 6 Hindi: Sample Paper Solutions - 3 - Sample Papers For Class 6

1. खण्ड 'क' (अपठित बोध) में क्या शामिल होता है?
Ans. खण्ड 'क' (अपठित बोध) में छात्रों को एक अनजान पाठ दिया जाता है, जिसे पढ़कर उन्हें उसके बारे में प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। यह खण्ड उनकी पढ़ने और समझने की क्षमता को परखता है।
2. खण्ड 'ख' (रचनात्मक लेखन) में छात्रों को क्या करना होता है?
Ans. खण्ड 'ख' (रचनात्मक लेखन) में छात्रों को एक विषय पर अपनी राय या कहानी लिखने को कहा जाता है। इस खण्ड का उद्देश्य उनकी लेखन क्षमता और विचारों को प्रस्तुत करने की क्षमता को विकसित करना है।
3. खण्ड 'ग' (व्याकरण अनुभाग) में कौन-से विषय शामिल होते हैं?
Ans. खण्ड 'ग' (व्याकरण अनुभाग) में छात्रों को व्याकरण से संबंधित विभिन्न विषयों जैसे संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण आदि पर प्रश्न पूछे जाते हैं। यह खण्ड उनके व्याकरण ज्ञान की जाँच करता है।
4. खण्ड 'घ' (पठित बोध) में कैसे प्रश्न आते हैं?
Ans. खण्ड 'घ' (पठित बोध) में छात्रों को एक पाठ दिया जाता है, जिसे पहले से पढ़ा जाता है। इसके बाद पाठ से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, जो छात्रों की समझ और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को परखते हैं।
5. कक्षा 6 के हिंदी परीक्षा में तैयारी के लिए क्या सुझाव दिए जा सकते हैं?
Ans. कक्षा 6 के हिंदी परीक्षा की तैयारी के लिए नियमित रूप से पाठों का अध्ययन करें, व्याकरण के नियमों को समझें, रचनात्मक लेखन का अभ्यास करें, और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करें। अपने शिक्षक से मार्गदर्शन लेना भी फायदेमंद हो सकता है।
Related Searches

shortcuts and tricks

,

pdf

,

past year papers

,

Summary

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Free

,

mock tests for examination

,

Extra Questions

,

Class 6 Hindi: Sample Paper Solutions - 3 | Sample Papers For Class 6

,

Class 6 Hindi: Sample Paper Solutions - 3 | Sample Papers For Class 6

,

Important questions

,

Viva Questions

,

Sample Paper

,

Semester Notes

,

Exam

,

practice quizzes

,

study material

,

Objective type Questions

,

Class 6 Hindi: Sample Paper Solutions - 3 | Sample Papers For Class 6

,

MCQs

,

video lectures

,

ppt

;