लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1: हिमालय को कवि ने किस प्रकार दर्शाया है?
उत्तर: कवि ने हिमालय को "आकाशचुम्बी" और भारत के गौरव का प्रतीक के रूप में दर्शाया है। उसे ऊँचा, भव्य व अटल बताकर देश की सुरक्षा व प्राकृतिक शक्ति का प्रतिनिधित्व किया है।
प्रश्न 2: कवि के अनुसार सिंधु महासागर का हिमालय से क्या संबंध है?
उत्तर: कवि के अनुसार, सिंधु महासागर हिमालय के चरणों में झुककर झूमता है । इससे यह संबंध प्रदर्शित होता है कि हिमालय की ऊँचाई और भव्यता के सामने सिंधु नदी (महासागर) नतमस्तक होकर उसकी श्रेष्ठता स्वीकार करती है। यह भारत की प्राकृतिक सुंदरता व गौरव को दर्शाता है।
प्रश्न 3: महात्मा बुद्ध ने लोगों को क्या संदेश दिया?
उत्तर: कविता के अनुसार, महात्मा बुद्ध ने लोगों को "दया" और "शांति" का संदेश दिया। उन्होंने संसार को करुणा का मार्ग दिखाया तथा जीवन के सही दिशा प्रदान की। वे "जग को दिया दिखाया" कहकर बुद्ध के आदर्शों को मानवता और समाजसुधार का प्रतीक बताते हैं।
प्रश्न 4: त्रिवेणी किन नदियों का मिलन है?
उत्तर: त्रिवेणी में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम है। कविता में इन्हें पवित्र नदियों के रूप में वर्णित किया गया है, जो भारत की धार्मिक व सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करती हैं। इनका मिलन प्रकृति की शुद्धता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

प्रश्न 5: भारत को पुण्य-भूमि क्यों कहा गया है?
उत्तर: भारत को पुण्य-भूमि इसलिए कहा गया है क्योंकि यहाँ गंगा, यमुना, सरस्वती जैसी पवित्र नदियाँ बहती हैं और राम, कृष्ण, बुद्ध जैसे महान पुरुषों का जन्म हुआ। यहाँ भगवद्गीता का उपदेश दिया गया तथा शांति व न्याय के संदेश प्रसारित हुए। हिमालय जैसी प्राकृतिक विशेषताओं ने भी इसे पवित्रता का दर्जा दिलाया है।
प्रश्न 6: भारत में झरने कहाँ स्थित हैं?
उत्तर: कविता में झरनों का उल्लेख पहाड़ियों के बीच किया गया है। कवि ने भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में बहने वाले झरनों को प्राकृतिक सौंदर्य का अंग माना है।
प्रश्न 7: झाड़ियों में कौन चहकती हैं?
उत्तर: कविता में झाड़ियों में "चिड़ियाँ" चहकती हैं । कवि ने भारत के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करते हुए बताया है कि पहाड़ियों और झाड़ियों में चिड़ियाँ मस्ती से चहकती हैं, जिससे वातावरण में खुशी और जीवंतता छा जाती है।
प्रश्न 8: मलय पवन क्या है और इसका प्रभाव क्या होता है?
उत्तर: मलय पवन एक शीतल और सुगंधित हवा है, जो दक्षिण दिशा से बहती है। यह तन-मन को शीतलता और ताजगी प्रदान करती है।
प्रश्न 9: श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया था?
उत्तर: कविता में श्रीकृष्ण ने "वंशी पवित्र गीता" सुनाई है। यहाँ वंशी (बाँसुरी) के माध्यम से भगवद्गीता के उपदेश का प्रतीकात्मक उल्लेख है। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म, ज्ञान और भक्ति का मार्ग बताते हुए संसार को सत्य व निष्ठा का संदेश दिया। कवि ने इसे पवित्र ज्ञान के रूप में प्रस्तुत किया है।
प्रश्न 10: भारत को मातृभूमि क्यों कहा गया है?
उत्तर: भारत को मातृभूमि कहा गया है क्योंकि यह हमारी जन्मभूमि है, जहाँ हमारी संस्कृति, परंपराएँ, और महान व्यक्तित्वों का जन्म हुआ। यह हमें पालन-पोषण, सुरक्षा और पहचान प्रदान करती है, इसलिए इसे माता के समान सम्मान दिया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1: ‘जगमग छटा निराली’, पग-पग पर छहर रही है’- पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: "जगमग छटा निराली, पग-पग पर छहर रही है" — इस पंक्ति में कवि ने भारत की अनूठी प्राकृतिक व सांस्कृतिक सुंदरता का विवरण दिया है। "जगमग छटा निराली" से तात्पर्य है कि भारत की भूमि में एक चमकीली, दमकीली और अद्वितीय छटा है, जो गंगा-यमुना-सरस्वती के पवित्र संगम, हिमालय की बर्फीली चोटियों, झरनों और हरियाली से प्रकट होती है। "पग-पग पर छहर रही है" यह दर्शाता है कि यह सुंदरता सर्वव्यापी है—चाहे वह पहाड़ हो, मैदान हो या नदियों के किनारे। हर जगह प्रकृति की शोभा, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत का समावेश है। कवि कहते हैं कि भारत की मातृभूमि में हर कदम पर एक ऐसी छटा छा गई है, जो आँखों को मोह लेती है और हृदय को प्रसन्न करती है। यह पंक्ति देश के अमर सौंदर्य, धार्मिक एकता और प्राकृतिक समृद्धि को उभारती है।
प्रश्न 2: भारत को पुण्यभूमि और स्वर्णभूमि क्यों कहा गया है?
उत्तर: भारत ऋषि-मुनियों का देश है, जिन्होंने आजीवन पवित्र जीवन का संदेश न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को दिया है। उन्होंने सत्य, अहिंसा, मानवता, भाईचारे और दया आदि का संदेश चारों ओर फैलाया। इसीलिए भारत भूमि को पुण्यभूमि कहा जाता है। भारत नदियों का देश है और यहाँ की मिट्टी बहुत उपजाऊ है। इस कारण यहाँ भरपूर फ़सल होती है, अर्थात् यहाँ की मिट्टी सोना उगलती है। यही कारण है कि इसे स्वर्णभूमि कहा जाता है।
प्रश्न 3: गौतम ने जग को दिया कैसे दिखाया?
उत्तर: कविता में गौतम बुद्ध ने जगत को दया, करुणा और शांति के मार्ग से दिशा प्रदान की है। उन्होंने अहिंसा, सत्य और समता के उपदेशों के माध्यम से दुखों का मूल कारण (तृष्णा व अज्ञानता) समझाया और मोक्ष के लिए मध्यम मार्ग (न अति त्याग, न अति भोग) का संदेश दिया। कवि ने इसे "जग को दिया दिखाया" कहकर बुद्ध के आदर्शों को मानवता का उज्ज्वल पथ बताया है। उन्होंने समाज में व्याप्त असमानता व विषमता को मिटाने के लिए समानता व सहिष्णुता की भावना का प्रचार किया, जो आज भी विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
प्रश्न 4: कवि ने भारत की भूमि को युद्धभूमि और बुद्धभूमि क्यों कहा है?
उत्तर: कवि का मानना है कि भारत की धरती सदा संघर्षभूमि रही है। न जाने कितने शासकों ने भारत पर शासन किया, लेकिन भारत ने अपने संघर्ष से अपनी सभ्यता और संस्कृति पर कभी आँच नहीं आने दी। बुद्धभूमि से कवि का तात्पर्य है कि महात्मा बुद्ध ने भारतवासियों को प्रेम, दया, सहानुभूति एवं भाईचारे का संदेश दिया, जो वर्तमान में ज्यों-का-त्यों बना हुआ है।
प्रश्न 5: कवि ने भारत की भूमि को धर्मभूमि और कर्मभूमि नाम क्यों दिया है?
उत्तर: कवि सोहनलाल द्विवेदी ने भारत की भूमि को धर्मभूमि और कर्मभूमि इसलिए कहा है क्योंकि भारत एक ऐसा देश है, जहाँ प्राचीन काल से ही धर्म, आध्यात्म और नैतिकता का विकास हुआ है। यहाँ अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया, जिन्होंने समाज को धर्म, सत्य, अहिंसा और कर्मयोग का संदेश दिया। साथ ही, यह भूमि कर्म और परिश्रम की भी प्रतीक रही है, जहाँ लोगों ने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज और राष्ट्र की उन्नति में योगदान दिया है।