प्रश्न 1: कथन 1: 102वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 ने NCBC को संवैधानिक दर्जा दिया। कथन 2: NCBC पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय था। (क) दोनों कथन सत्य हैं। (ख) दोनों कथन असत्य हैं। (ग) कथन 1 सत्य है, और कथन 2 असत्य है। (घ) कथन 1 असत्य है, और कथन 2 सत्य है।
उत्तर: (क)
इस प्रकार, दोनों कथन सही हैं, और उत्तर (क) है।
प्रश्न 2: 1992 के इंद्रा सवहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिया? (क) सभी मौजूदा पिछड़ा वर्ग आयोगों को समाप्त करना। (ख) पिछड़ा वर्गों के लिए एक स्थायी निकाय बनाना। (ग) पिछड़ा वर्गों की सूची में और अधिक जातियों को शामिल करना। (घ) पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण को हटाना।
उत्तर: (ख)
1992 का इंद्रा सवहनी मामला, जिसे मंडल आयोग मामले के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सुप्रीम कोर्ट का एक ऐतिहासिक निर्णय था। इसके प्रमुख निर्देशों में शामिल हैं:
इस प्रकार, सही उत्तर (ख) है: पिछड़ा वर्गों के लिए एक स्थायी निकाय बनाना।
Q3: 102वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा कौन से अनुच्छेद जोड़े गए? (a) अनुच्छेद 338A और 342B (b) अनुच्छेद 340 और 342A (c) अनुच्छेद 338B और 342A (d) अनुच्छेद 338 और 342
उत्तर: (c) 102वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 ने दो महत्वपूर्ण अनुच्छेदों को पेश किया:
ये अनुच्छेद पिछड़ा वर्गों की कल्याण के लिए संवैधानिक ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए जोड़े गए थे।
इसलिए, सही उत्तर है (c) अनुच्छेद 338B और 342A।
Q4: निम्नलिखित अनुच्छेदों को उनके संबंधित प्रावधानों से मिलाएं: 1. अनुच्छेद 338B 2. अनुच्छेद 342A 3. अनुच्छेद 340 A. राष्ट्रपति को पिछड़े वर्गों को निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है। B. पिछड़े वर्गों की पहचान और सिफारिशों से संबंधित है। C. पिछड़े वर्गों की शिकायतों की जांच और कल्याण का प्राधिकार। (a) 1-C, 2-A, 3-B (b) 1-A, 2-B, 3-C (c) 1-B, 2-C, 3-A (d) 1-A, 2-C, 3-B
उत्तर: (a)
इसलिए, सही मिलान है (a) 1-C, 2-A, 3-B।
प्रश्न 5: 102वें संविधान संशोधन अधिनियम के अनुसार NCBC को नया कार्य क्या सौंपा गया है? (क) यह परिभाषित करना कि क्या पिछड़ापन है। (ख) केवल आरक्षण नीतियों पर ध्यान केंद्रित करना। (ग) पिछड़े वर्गों की शिकायतों का समाधान करना। (घ) सभी मौजूदा पिछड़ा वर्ग आयोगों को समाप्त करना।
102वें संविधान संशोधन अधिनियम ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को अनुच्छेद 338B के तहत एक संवैधानिक निकाय में बदल दिया। NCBC को सौंपा गया एक महत्वपूर्ण नया कार्य है:
यह कार्य NCBC की भूमिका को अन्य संवैधानिक आयोगों जैसे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) के साथ संरेखित करता है।
इस प्रकार, सही उत्तर है (ग) पिछड़े वर्गों की शिकायतों का समाधान करना।
प्रश्न 6: कथन (A): नए NCBC की सिफारिशें सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं हैं। तर्क (R): NCBC के पास पिछड़ापन परिभाषित करने की जिम्मेदारी नहीं है। (क) A और R दोनों सत्य हैं और R, A का सही स्पष्टीकरण है। (ख) A और R दोनों सत्य हैं लेकिन R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है। (ग) A सत्य है, लेकिन R असत्य है। (घ) A असत्य है, लेकिन R सत्य है।
उत्तर: (ख)
हालांकि, तर्क (R) सीधे कथन (A) को स्पष्ट नहीं करता, क्योंकि सिफारिशों की गैर-बाध्यकारी प्रकृति, पिछड़ापन परिभाषित करने की जिम्मेदारी से संबंधित नहीं है।
इस प्रकार, सही उत्तर है (b) दोनों A और R सत्य हैं, लेकिन R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
प्रश्न 7: अनुच्छेद 342(A) में पारदर्शिता के संदर्भ में क्या परिवर्तन किया गया है? (a) पिछड़ी जातियों की सूचियों के लिए अनिवार्य संसदीय स्वीकृति। (b) पिछड़ी जातियों की सूचियों की अनिवार्य न्यायिक समीक्षा। (c) पिछड़ी जातियों को निर्दिष्ट करने में राष्ट्रपति की एकल विवेकाधिकार। (d) सभी जातियों का पिछड़ी सूची में स्वचालित समावेश।
अनुच्छेद 342A, जिसे 102वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा पेश किया गया था, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ी जातियों (SEBCs) की सूची में परिवर्तनों के लिए संसद की स्वीकृति की आवश्यकता करके पारदर्शिता बढ़ाता है। इसके प्रमुख परिवर्तन हैं:
इस प्रकार, सही उत्तर है (a) पिछड़ी जातियों की सूचियों के लिए अनिवार्य संसदीय स्वीकृति।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन-सी कथन राष्ट्रीय पिछड़ी जातियों के आयोग (NCBC) के संबंध में आलोचना और सुझावों को सही ढंग से दर्शाते हैं जैसे कि दिए गए पाठ में उल्लिखित है? कथन 1: नए NCBC की सिफारिशें सरकार पर बाध्यकारी नहीं हैं, जो पिछड़ी जातियों (BCs) में जाति समावेश की मांगों को संबोधित करने में इसकी प्रभावशीलता को सीमित करती हैं। कथन 2: नए NCBC की संरचना सुप्रीम कोर्ट के विशेषज्ञ निकाय के निर्देशों का पालन नहीं करती है, जो इसकी पिछड़ापन को सही ढंग से परिभाषित करने की क्षमता को प्रभावित करती है। कथन 3: पारदर्शिता की सलाह दी जाती है कि जाति जनगणना के निष्कर्षों और आयोग की सिफारिशों का सार्वजनिक खुलासा किया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आरक्षण लाभ वास्तव में समाज के पिछड़े वर्गों तक पहुंचे। (A) कथन 1 और 2 सही हैं। (B) कथन 1 और 3 सही हैं। (C) कथन 2 और 3 सही हैं। (D) सभी कथन सही हैं।
उत्तर: सभी कथन सही हैं। कथन 1 सही है क्योंकि यह दर्शाता है कि NCBC की सिफारिशें सरकार के लिए अनिवार्य नहीं हैं, जिससे आयोग का जाति समावेश पर प्रभाव कम होता है। कथन 2 NCBC की संरचना में एक समस्या को सही ढंग से बताता है, यह नोट करते हुए कि यह सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ निकाय के गठन की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करता, जो पिछड़ेपन के जटिल मुद्दों को संबोधित करने के लिए आवश्यक है। कथन 3 उन सुझावों के प्रति सत्य है जो जाति-आधारित आरक्षण की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए जाति जनगणना और आयोग की निष्कर्षों की पारदर्शिता की वकालत करते हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आरक्षण नीतियाँ डेटा-आधारित हों और लक्षित समूहों को लाभान्वित करें।
प्रश्न 9: प्रदान की गई जानकारी के अनुसार नए NCBC का एक प्रमुख मुद्दा क्या है? (क) यह केवल पिछड़ेपन को परिभाषित करने के लिए जिम्मेदार है। (ख) इसकी सिफारिशें सरकार पर बाध्यकारी हैं। (ग) इसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित विशेषज्ञ निकाय की विशेषताएँ नहीं हैं। (घ) यह राष्ट्रपति के अधिकारों को कम कर देता है।
1992 का इंदिरा साहनी मामला पिछड़े वर्ग के मामलों को संभालने के लिए एक स्थायी निकाय के निर्माण का निर्देश देता है। हालाँकि, अनुच्छेद 338B के तहत स्थापित नया NCBC विशेषज्ञ निकाय की विशेषताओं की कमी के लिए आलोचना का सामना कर रहा है, क्योंकि:
इसलिए, सही उत्तर है (ग) इसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित विशेषज्ञ निकाय की विशेषताएँ नहीं हैं।
प्रश्न 10: NCBC की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए क्या सुझाव दिया गया है? (क) इसे विधायी शक्तियाँ प्रदान करने के लिए। (ख) राजनीतिक पृष्ठभूमि के अधिक सदस्यों को शामिल करने के लिए। (ग) इसके गठन में विशेषज्ञ निकाय की विशेषता को दर्शाने के लिए। (घ) सरकार पर इसकी सिफारिशों को बाध्यकारी बनाने के लिए।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को विशेषज्ञ निकाय की विशेषताओं के अभाव के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा सवहनी मामले में निर्देशित किया था। इसकी प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिया गया है:
इस प्रकार, सही उत्तर है (ग) इसके गठन में विशेषज्ञ निकाय की विशेषता को दर्शाना।
प्रश्न 11: वक्तव्य 1 - 123वां संविधान संशोधन विधेयक भारतीय दलितों के लिए राष्ट्रीय आयोग को प्रतिस्थापित करने के लिए प्रस्तुत किया गया था। वक्तव्य 2 - 102वां संविधान संशोधन अधिनियम एक संवैधानिक निकाय के रूप में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना का प्रावधान करता है। (क) दोनों वक्तव्य सत्य हैं। (ख) दोनों वक्तव्य असत्य हैं। (ग) वक्तव्य 1 सत्य है, और वक्तव्य 2 असत्य है। (घ) वक्तव्य 1 असत्य है, और वक्तव्य 2 सत्य है।
उत्तर: (d) 123वां संविधान संशोधन विधेयक NCBC को मजबूत करने के लिए पेश किया गया था, न कि अनुसूचित जातियों के राष्ट्रीय आयोग को प्रतिस्थापित करने के लिए। 102वां संविधान संशोधन अधिनियम एक संवैधानिक निकाय के रूप में पिछड़ी जातियों के राष्ट्रीय आयोग की स्थापना का प्रावधान करता है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 340 किससे संबंधित है? (a) अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षण नीतियाँ। (b) सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों की पहचान और उनके हालात में सुधार। (c) राष्ट्रपति को पिछड़ी जातियों को निर्दिष्ट करने का अधिकार देना। (d) अनुसूचित जातियों के राष्ट्रीय आयोग के लिए दिशानिर्देश स्थापित करना।
उत्तर: (b)
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 340 राष्ट्रपति को निम्नलिखित कार्य करने के लिए सक्षम बनाता है:
इस प्रकार, सही उत्तर है (b) सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों की पहचान और उनके हालात में सुधार।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा NCBC की शक्ति या कार्य नहीं है? (क) पिछड़े वर्गों के लिए सुरक्षा उपायों से संबंधित मामलों की जांच और निगरानी करना। (ख) पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर सलाह देना। (ग) सरकार को बाध्यकारी सिफारिशें प्रदान करना। (घ) राष्ट्रपति को वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के पास सरकार को बाध्यकारी सिफारिशें प्रदान करने की शक्ति नहीं है। इसके बजाय, यह पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास और सुरक्षा उपायों से संबंधित मामलों पर सरकार को सिफारिशें और सलाह दे सकता है, लेकिन ये सिफारिशें कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं।
NCBC के कार्यों का संक्षिप्त अवलोकन इस प्रकार है:
इस प्रकार, विकल्प (ग) वास्तव में सही उत्तर है क्योंकि यह NCBC के कार्यों के साथ मेल नहीं खाता है।
प्रश्न 14: कथन (A): NCBC एक संवैधानिक निकाय है। तर्क (R): इसे 102वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था। (क) A और R दोनों सत्य हैं और R, A का सही स्पष्टीकरण है। (ख) A और R दोनों सत्य हैं लेकिन R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है। (ग) A सत्य है, पर R असत्य है। (घ) A असत्य है, पर R सत्य है।
उत्तर: (क)
यह कथन (A) कि एनसीबीसी (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग) एक संवैधानिक निकाय है, सही है, और इसका तर्क (R) कि इसे 102वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था, भी सही है। इसके अतिरिक्त, तर्क सही तरीके से कथन की व्याख्या करता है।
संक्षेप में:
इस प्रकार, सही उत्तर है (क) A और R दोनों सत्य हैं और R, A का सही स्पष्टीकरण है।
प्रश्न 15: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों को निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है? (क) अनुच्छेद 338B (ख) अनुच्छेद 340 (ग) अनुच्छेद 342A (घ) अनुच्छेद 366
अनुच्छेद 342A, जिसे 102वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 द्वारा जोड़ा गया, राष्ट्रपति को सक्षम बनाता है:
इस प्रकार, सही उत्तर है (ग) अनुच्छेद 342A।
प्रश्न 16: 102वें संविधान संशोधन अधिनियम ने NCBC की भूमिका में कौन सा प्रमुख परिवर्तन लाया? (क) यह आयोग को पिछड़ेपन को परिभाषित करने के लिए जिम्मेदार बनाता है। (ख) यह आयोग की सामाजिक-आर्थिक विकास पर सलाह देने की शक्ति को हटा देता है। (ग) यह पिछड़े वर्गों के लिए शिकायत निवारण का कार्य जोड़ता है। (घ) यह आयोग की शक्ति को केवल राष्ट्रपति को रिपोर्ट करने तक सीमित कर देता है।
102वें संविधान संशोधन अधिनियम, जो 2021 में लागू हुआ, ने वास्तव में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) की भूमिका में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया। प्रमुख परिवर्तन था: (ग) यह पिछड़े वर्गों के लिए शिकायत निवारण का कार्य जोड़ता है।
इस संशोधन ने NCBC की भूमिका का विस्तार किया है, जिससे इसे पिछड़े वर्गों के अधिकारों और कल्याण से संबंधित शिकायतों को सुनने का अधिकार मिला, इस प्रकार उनके हितों की रक्षा में इसकी प्रभावशीलता बढ़ी है।
अन्य विकल्प 102वें संशोधन द्वारा लाए गए परिवर्तनों को सही ढंग से नहीं दर्शाते हैं:
इस प्रकार, विकल्प (ग) वास्तव में सही उत्तर है।
प्रश्न 17: 102वें संविधान संशोधन अधिनियम के अनुसार, NCBC के सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है? (क) प्रधानमंत्री (ख) भारत के राष्ट्रपति (ग) संसद (घ) सुप्रीम कोर्ट
102वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 ने अनुच्छेद 338B के तहत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को संवैधानिक स्थिति प्रदान की। एक संवैधानिक निकाय के रूप में, NCBC के सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इसमें शामिल हैं:
राष्ट्रपति की नियुक्ति जिम्मेदारी सुनिश्चित करती है और इस प्रक्रिया को अन्य संवैधानिक आयोगों जैसे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) के साथ संरेखित करती है।
इस प्रकार, सही उत्तर है (b) भारत के राष्ट्रपति।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा नया पुनःसंविधानित NCBC की विशेषता नहीं है? (a) संवैधानिक स्थिति (b) बाध्यकारी सिफारिशें (c) शिकायत निवारण तंत्र (d) राष्ट्रपति को वार्षिक रिपोर्टिंग
उत्तर: (b) नई पुनःसंविधानित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) से जुड़ी विशेषता है: (b) बाध्यकारी सिफारिशें। NCBC, जबकि इसे संवैधानिक स्थिति और शिकायत निवारण तंत्र प्राप्त है, सरकार को बाध्यकारी सिफारिशें देने का अधिकार नहीं है। इसकी सिफारिशें सलाहकारी होती हैं, जिसका अर्थ है कि सरकार उन्हें स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है। नए पुनःसंविधानित NCBC की विशेषताओं का संक्षेप में सारांश: (a) संवैधानिक स्थिति: NCBC को 102वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से संवैधानिक स्थिति दी गई। (c) शिकायत निवारण तंत्र: NCBC का कार्य पिछड़े वर्गों से संबंधित शिकायतों का समाधान करना है। (d) राष्ट्रपति को वार्षिक रिपोर्टिंग: NCBC को भारत के राष्ट्रपति को वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। इस प्रकार, विकल्प (b) वास्तव में सही उत्तर है, क्योंकि यह NCBC की विशेषता को नहीं दर्शाता है।
प्रश्न 19: 123वें संविधान संशोधन विधेयक की प्रस्तुति का मुख्य कारण क्या था? (क) एनसीबीसी को समाप्त करना (ख) एनसीबीसी को संवैधानिक दर्जा देना (ग) एनसीबीसी को अन्य आयोगों के साथ विलय करना (घ) एनसीबीसी के अधिकारों को कम करना
उत्तर: (ख)
123वें संविधान संशोधन विधेयक, जो बाद में 102वें संविधान संशोधन अधिनियम के रूप में पारित हुआ, का उद्देश्य था:
इसलिए, सही उत्तर है (ख) एनसीबीसी को संवैधानिक दर्जा देना।
प्रश्न 20: 102वें संविधान संशोधन अधिनियम के बाद एनसीबीसी द्वारा सामना की जाने वाली चुनौती का सबसे अच्छा वर्णन कौन सा है? (क) एनसीबीसी के पास पिछड़े वर्गों को परिभाषित करने और निर्दिष्ट करने का पूर्ण अधिकार है। (ख) एनसीबीसी की सिफारिशें केंद्रीय और राज्य सरकारों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं। (ग) एनसीबीसी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य विशेषज्ञ composition की कमी है। (घ) एनसीबीसी की भूमिका सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के मूल्यांकन तक सीमित है, जिसमें शैक्षणिक पहलुओं को संबोधित नहीं किया गया है।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को 102वें संविधान संशोधन अधिनियम के बाद जो चुनौती का सामना करना पड़ा, उसे सबसे अच्छे तरीके से इस प्रकार वर्णित किया जा सकता है:
यह विकल्प NCBC की संरचना के संबंध में एक महत्वपूर्ण चिंता को उजागर करता है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने इस आयोग में विभिन्न संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले सदस्यों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि पिछड़ा वर्गों से संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा सके।
अन्य विकल्पों को स्पष्ट करने के लिए:
इस प्रकार, विकल्प (c) संशोधन के बाद NCBC द्वारा सामना की गई एक चुनौती को सही ढंग से दर्शाता है।
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