समय: 1 घंटा
अंक: 30
सभी प्रश्नों का उत्तर दें।
प्रश्न संख्या 1 से 5 तक 1 अंक प्रत्येक।
प्रश्न संख्या 6 से 8 तक 2 अंक प्रत्येक।
प्रश्न संख्या 9 से 11 तक 3 अंक प्रत्येक।
प्रश्न संख्या 12 और 13 तक 5 अंक प्रत्येक।
प्रश्न 1: बाबा भारती को अपने बेटे और किसके लहलहाते खेत देखकर आनंद आता है? (1 अंक)
(i) घोड़ा
(ii) खेत
(iii) माँ
(iv) भगवान
उत्तर: (i)
बाबा भारती को अपने घोड़े "सुल्तान" को देखकर बहुत आनंद आता था। उनका घोड़ा (सुल्तान) उनके लिए सिर्फ एक जानवर नहीं था, बल्कि उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया था। जब वे अपने घोड़े के साथ होते थे, तो उन्हें संतोष और खुशी का अनुभव होता था।
प्रश्न 2: खड्गसिंह ने बाबा भारती के पास क्यों आने का फैसला किया? (1 अंक)
(i) पैसा मांगने
(ii) सुल्तान देखने
(iii) भजन करने
(iv) खेतों में काम करने
उत्तर: (ii)
खड्गसिंह ने बाबा भारती के पास आने का निर्णय इसीलिए लिया क्योंकि वह सुल्तान के बारे में सुन चुका था और उसे उस अद्भुत घोड़े को देखने की प्रबल इच्छा थी। उसे विश्वास था कि वह ऐसा घोड़ा कभी नहीं देख पाएगा, और उसकी इच्छा उसे बाबा के पास खींच लाई।
प्रश्न 3: खड्गसिंह ने घोड़े की कौन सी विशेषता की प्रशंसा की? (1 अंक)
(i) उसकी उम्र
(ii) उसकी चाल
(iii) उसका रंग
(iv) उसकी ताकत
उत्तर: (ii)
खड्गसिंह ने सुल्तान की चाल की प्रशंसा की। उसने कहा कि घोड़े की चाल इतनी आकर्षक थी कि देखने वाले का मन मोह लेती थी। वह इस बात को समझता था कि घोड़े की चाल ही उसकी सुंदरता और ताकत का प्रतीक है।
प्रश्न 4: खड्गसिंह ने घोड़े को देखकर क्या निर्णय लिया? (1 अंक)
(i) खरीदने का
(ii) चुराने का
(iii) घोड़े को देखने का
(iv) घोड़े की प्रशंसा करने का
उत्तर: (ii)
खड्गसिंह ने जब सुल्तान की सुंदरता और ताकत देखी, तो उसने मन में ठान लिया कि वह इस घोड़े को अपने पास नहीं रहने देगा। उसकी डाकू प्रवृत्तियों ने उसे इस निर्णय पर मजबूर किया कि वह घोड़े को अपने अधिकार में लेना चाहता था।
प्रश्न 5: बाबा भारती ने खड्गसिंह से क्या प्रार्थना की? (1 अंक)
(i) घोड़े को ले जाने के लिए
(ii) घटना को किसी को न बताने के लिए
(iii) पैसे देने के लिए
(iv) गाँव छोड़ने के लिए
उत्तर: (ii)
बाबा भारती ने खड्गसिंह से प्रार्थना की कि वह इस घटना को किसी और के सामने प्रकट न करें। उनका मानना था कि यदि लोगों को इस बात का पता चला कि उन्होंने खड्गसिंह को घोड़ा दिया है, तो इससे गरीबों पर विश्वास उठ जाएगा।
प्रश्न 6: बाबा भारती ने अपाहिज को घोड़े पर क्यों सवार किया? (2 अंक)
उत्तर: बाबा भारती ने अपाहिज की मदद करने के लिए उसे घोड़े पर सवार किया। अपाहिज ने बाबा से विनती की कि उसे रामावाला जाना है और उसकी मदद के लिए घोड़े पर चढ़ने की अनुमति मांगी। बाबा भारती ने अपनी दयालुता और मानवता का परिचय देते हुए उसे घोड़े पर बैठाया। यह घटना दर्शाती है कि बाबा का हृदय गरीबों की सहायता के प्रति कितना संवेदनशील था।
प्रश्न 7: खड्गसिंह ने बाबा भारती के सामने क्या किया जब वह घोड़े पर सवार हुआ? (2 अंक)
उत्तर: जब बाबा भारती ने एक अपाहिज की सहायता के लिए उसे घोड़े पर बैठाया, तो वह असली में खड्गसिंह था। जैसे ही बाबा ने लगाम छोड़ी, खड्गसिंह ने अपना असली रूप दिखाया, घोड़े पर तनकर बैठा और तेजी से दौड़ा ले गया। इस घटना से बाबा भारती स्तब्ध रह गए और उन्हें गहरा आघात पहुँचा।
प्रश्न 8: बाबा भारती की मनोदशा जब घोड़ा खड्गसिंह ने ले लिया, क्या थी? (2 अंक)
उत्तर: जब खड्गसिंह ने धोखे से घोड़ा ले लिया, बाबा भारती को गहरा दुख और निराशा हुई। वे कुछ समय स्तब्ध रह गए, फिर उन्होंने साहस करके खड्गसिंह से कहा कि वह घोड़ा ले जाए, परंतु इस घटना को किसी से न कहे। उनकी सबसे बड़ी चिंता यह थी कि यदि यह बात फैल गई, तो लोग गरीबों पर विश्वास करना छोड़ देंगे। इससे उनकी मनोदशा उनकी मनोदशा त्याग और उदासी से भरी हुई थी।
प्रश्न 9: बाबा भारती ने खड्गसिंह को घोड़े के बारे में क्या बताया? (3 अंक)
उत्तर: बाबा भारती ने खड्गसिंह से कहा कि घोड़ा अब उसका है और वह इसे वापस करने के लिए नहीं कहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह केवल यह प्रार्थना करते हैं कि इस घटना को किसी को न बताएं। बाबा भारती ने अपनी बात को इस तरह से रखा कि उनकी दया और मानवता का प्रतीक हो, जिससे खड्गसिंह को भी उनकी महानता का एहसास हुआ। यह बाबा की सच्चाई और त्याग को दर्शाता है।
प्रश्न 10: खड्गसिंह ने बाबा भारती की बातों पर क्या विचार किया? (3 अंक)
उत्तर: खड्गसिंह ने बाबा भारती की बातों को सुनकर उनके ऊँचे विचार और पवित्र भाव को महसूस किया। उसे यह समझ में आया कि बाबा का प्रेम और दया केवल घोड़े तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति भी उतनी ही संवेदनशीलता रखते थे। इससे खड्गसिंह के हृदय में एक परिवर्तन हुआ और उसने महसूस किया कि उसने समझा कि यह घोड़ा केवल वस्तु नहीं, बल्कि एक मूल्यवान संबंध का प्रतीक है।
प्रश्न 11: अंत में बाबा भारती ने घोड़े को देखकर कैसे प्रतिक्रिया दी? (3 अंक)
उत्तर: अंत में, जब बाबा भारती ने अपने घोड़े को वापस पाया, तो उनकी प्रतिक्रिया भावनात्मक थी। उन्होंने घोड़े को गले से लगाकर आंसुओं में डूब गए, मानो वह अपने लंबे समय से बिछड़े पुत्र से मिल रहे हों। उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था और उन्होंने घोड़े के साथ अपनी असीम प्रेम को व्यक्त किया। यह दृश्य दर्शाता है कि उनके लिए यह घोड़ा केवल एक जानवर नहीं, बल्कि उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
प्रश्न 12: इस कहानी में प्रेम और त्याग का क्या महत्व है? (5 अंक)
उत्तर: इस कहानी में प्रेम और त्याग का महत्व अत्यंत गहरा है। बाबा भारती ने दिखाया कि सच्चा प्रेम केवल प्राप्त करने में नहीं, बल्कि दूसरों की भलाई के लिए त्याग करने में है। उन्होंने खड्गसिंह के सामने अपनी खुशी और संतोष के लिए घोड़े के प्रति अपनी भावनाओं को छिपाया और यह प्रार्थना की कि वह इस घटना को किसी को न बताएं। यह दर्शाता है कि उनके लिए गरीबों का विश्वास और उनकी सहायता अधिक महत्वपूर्ण थी। यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा प्रेम और त्याग कभी भी बेमिसाल नहीं होता और यह जीवन में सबसे महत्वपूर्ण गुण हैं।
प्रश्न 13: खड्गसिंह का चरित्र किस प्रकार का है और वह क्यों बदलता है? (5 अंक)
उत्तर: खड्गसिंह का चरित्र शुरुआत में एक डाकू का था, जिसमें स्वार्थी और आत्मकेंद्रित प्रवृत्तियाँ थीं। लेकिन जब उसने बाबा भारती की महानता और दया देखी, तो उसके अंदर परिवर्तन आने लगा। बाबा के प्रति उसकी श्रद्धा और उनके त्याग ने उसे प्रभावित किया। खड्गसिंह ने समझा कि सच्चा बल और ताकत केवल बाहरी ताकत में नहीं, बल्कि अपने विचारों और भावनाओं में भी होती है। अंत में, उसने घोड़े को लौटाने का निर्णय लिया, जो उसके मन में आए बदलाव और पवित्रता का संकेत था। इस प्रकार, कहानी हमें यह सिखाती है कि हर व्यक्ति में बदलाव की क्षमता होती है, बस हमें सही प्रेरणा की आवश्यकता होती है।
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