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हार की जीत NCERT Solutions | Hindi for Class 6 PDF Download

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए—

(1) सुल्तान के छीने जाने का बाबा भारती पर क्या प्रभाव हुआ?

  • बाबा भारती के मन से चोरी का डर समाप्त हो गया
  • बाबा भारती ने गरीबों की सहायता करना बंद कर दिया
  • बाबा भारती ने द्वार बंद करना छोड़ दिया
  • बाबा भारती असावधान हो गए

उत्तर: बाबा भारती असावधान हो गए। (★)

(2) "बाबा भारती भी मनुष्य ही थे।" इस कथन के समर्थन में लेखक ने कौन-सा तर्क दिया है?

  • बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया
  • बाबा भारती घोड़े की प्रशंसा दूसरों से सुनने के लिए व्याकुल थे
  • बाबा भारती को घोड़े से अत्यधिक लगाव और मोह था
  • बाबा भारती हर पल घोड़े की रखवाली करते रहते थे

उत्तर: बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया। (★)

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर: बाबा भारती ने घोड़े को खो दिया, तो अब उन्हें चोरी का डर नहीं रहा । प्रशंसा चाहना एक सामान्य मानवीय भावना है, जो यह दर्शाता है कि बाबा भारती भी सामान्य मनुष्यों की तरह भावनाओं से युक्त थे।

शीर्षक

(क) आपने अभी जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम सुदर्शन ने ‘हार की जीत’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी को यह नाम क्यों दिया होगा? अपने उत्तर का कारण भी लिखिए।
उत्तर: सबकी सहायता करने तथा समाज में भाईचारा व सौहार्द बने रहने के उद्देश्य से इस कहानी का नाम ‘हार की जीत’ रखा होगा |

(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए।
उत्तर: डाकू का हृदय परिवर्तन
कारण: बाबा भारती ने कहा था कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना, ताकि लोगों को यदि इस घटना का पता चला तो वे किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे। तभी खड्गसिंह का हृदय परिवर्तन हुआ और पुन: घोड़े को बाबा भारती को वापस दे दिया।

(ग) बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कौन-सा वचन लिया?
उत्तर: बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से यह वचन लिया कि वह इस घटना को किसी के सामने प्रकट नहीं करेगा ताकि लोगों का गरीबों पर से विश्वास न उठ जाए।

पंक्तियों पर चर्चा

कहानी में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार लिखिए-

  • “भगवत-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता।”
  • “बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से । “
  • “वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर अपना अधिकार समझता था।”
  • “बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है।”
  • “उनके पाँव अस्तबल की ओर मुड़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई।”

उत्तर:

  • “भगवत-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता।”

अर्थ: इस पंक्ति का अर्थ है कि भगवत-भजन करने के लिए जो समय बचता था, वह समय घोड़े की देखभाल में लग जाता था। इसका तात्पर्य है कि व्यक्ति अपनी हर उपलब्ध समय को घोड़े की सेवा में समर्पित करता था।
विचार: यह पंक्ति यह दर्शाती है कि व्यक्ति की जिम्मेदारियों और समर्पण का स्तर कितना ऊँचा था। उसने आध्यात्मिक कार्यों के अलावा घोड़े की देखभाल को भी उतना ही महत्वपूर्ण माना, जो समर्पण और ईमानदारी को दर्शाता है।

  • “बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से।”

अर्थ: यहाँ बाबा ने घोड़े को गर्व के साथ दिखाया, जबकि खड्गसिंह ने उसे आश्चर्यचकित होकर देखा। यह विभिन्न दृष्टिकोणों को दर्शाता है।
विचार: इस पंक्ति से यह स्पष्ट होता है कि वस्तुओं को देखने के दृष्टिकोण अलग-अलग हो सकते हैं। बाबा का घमंड और खड्गसिंह का आश्चर्य उनके व्यक्तित्व और उनके अनुभवों की विविधता को दिखाता है।

  • “वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर अपना अधिकार समझता था।”

अर्थ: इस पंक्ति में बताया गया है कि डाकू जो भी वस्तु पसंद करता था, उसे वह अपनी समझता था और उस पर कब्जा कर लेता था।
विचार: यह पंक्ति डाकू के चरित्र की स्वार्थी और बलात्कारी प्रवृत्तियों को उजागर करती है। डाकू की इस प्रवृत्ति से उसकी नैतिकता की कमी और दूसरों की चीजों पर अधिकार जमाने की प्रवृत्ति स्पष्ट होती है।

  • “बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है।”

अर्थ: बाबा भारती ने घोड़े की ओर ऐसी दृष्टि से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है, जो कि एक निस्तेज और आत्मसमर्पण की भावना को दर्शाता है। इसके बाद उन्होंने कहा कि घोड़ा अब तुम्हारा हो गया है।
विचार: इस पंक्ति से यह स्पष्ट होता है कि बाबा भारती ने घोड़े के हस्तांतरण को एक पराजय की तरह देखा। यह दृष्टिकोण एक तरह की हार मानने और अन्यायपूर्ण स्थिति का संकेत है, जिसमें स्वीकृति और विवशता की भावना है।

  • “उनके पाँव अस्तबल की ओर मुड़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई।”

अर्थ: यहाँ व्यक्तियों ने अस्तबल की ओर कदम बढ़ाये, लेकिन फाटक पर पहुँचकर उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने कोई गलती की है।
विचार: यह पंक्ति दर्शाती है कि किसी निर्णय या कार्य में पहुंचने के बाद ही उसकी गलती का एहसास होता है। यह तात्पर्य है कि कई बार हम अपनी भूल को तब ही पहचानते हैं जब हम अपने निर्णय पर पूरी तरह पहुंच जाते हैं, जिससे सीखने और सुधारने का अवसर मिलता है।

सोच-विचार के लिए

कहानी को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित पंक्ति के विषय में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

“दोनों के आँसुओं का उस भूमि की मिट्टी पर परस्पर मेल हो गया।”

(क) किस-किस के आँसुओं का मिलन हो गया था?
उत्तर: बाबा भारती और खड्गसिंह के आँसुओं का मिलन हो गया था।

(ख) दोनों के आँसुओं में क्या अंतर था?
उत्तर: बाबा भारती के आँसू खुशी और राहत के थे क्योंकि उन्हें उनका घोड़ा वापस मिल गया था, जबकि खड्गसिंह के आँसू पश्चाताप और शर्मिंदगी के थे।

दिनचर्या

(क) कहानी पढ़कर आप बाबा भारती के जीवन के विषय में बहुत कुछ जान चुके हैं। अब आप कहानी के आधार पर बाबा भारती की दिनचर्या लिखिए। वे सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक क्या-क्या करते होंगे, लिखिए। इस काम में आप थोड़ा-बहुत अपनी कल्पना का सहारा भी ले सकते हैं।
उत्तर: बाबा भारती की दिनचर्या कुछ इस प्रकार हो सकती है:

  • सुबह जल्दी उठकर ठंडे जल से स्नान करना।
  • भगवान का भजन करना और प्रार्थना करना।
  • घोड़े सुल्तान की देखभाल करना, उसे खाना खिलाना और उसके साथ समय बिताना।
  • दिन के समय गाँव के लोगों से मिलना और उनकी समस्याएँ सुनना।
  • शाम को सुल्तान के साथ घूमने जाना।
  • रात में भगवान का भजन करते हुए सोना।

(ख) अब आप अपनी दिनचर्या भी लिखिए।
उत्तर: दिनचर्या:
सुबह:

  • 6:00 AM: उठकर ताजगी के लिए कुछ मिनट ध्यान और योग करता हूँ।
  • 6:30 AM: नाश्ते के लिए फल और ओट्स या पोहा बनाता हूँ।
  • 7:00 AM: ताजगी से नहाकर तैयार होता हूँ और दिनभर की योजनाओं को जांचता हूँ।

दोपहर:

  • 12:00 PM: हल्का भोजन करता हूँ जिसमें दाल, चावल और सब्जियाँ शामिल होती हैं।
  • 1:00 PM: थोड़ी देर आराम करता हूँ या पढ़ाई करता हूँ।
  • 2:00 PM: काम या अध्ययन की गतिविधियों में व्यस्त रहता हूँ।

शाम:

  • 5:00 PM: ताजगी के लिए हल्की चाय या स्नैक के साथ शाम की चहलकदमी करता हूँ।
  • 6:00 PM: काम के परिणामों की समीक्षा करता हूँ और अगले दिन के लिए तैयारी करता हूँ।

रात:

  • 8:00 PM: रात के खाने में परिवार के साथ बैठकर भोजन करता हूँ।
  • 9:00 PM: आराम के लिए एक अच्छी किताब पढ़ता हूँ या टीवी देखता हूँ।
  • 10:00 PM: सोने से पहले थोड़ा ध्यान करता हूँ और अगले दिन की योजनाओं को आखिरी बार देखता हूँ।
  • 10:30 PM: सो जाता हूँ।

कहानी की रचना

(क) इस कहानी की कौन-कौन सी बातें आपको पसंद आई? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर: इस कहानी की कई बातें मुझे बहुत पसंद आईं:

  • बाबा भारती का करुणा और दया भाव: कहानी में बाबा भारती का गरीब और अपाहिज व्यक्ति की मदद करने का भाव दर्शाता है कि वे कितने दयालु और करुणावान थे। यह दिखाता है कि सच्ची मानवता क्या होती है।
  • खड्गसिंह का परिवर्तन: कहानी का वह भाग जहाँ खड्गसिंह अपने किए पर पछताता है और बाबा भारती का घोड़ा वापस कर देता है, बहुत प्रेरणादायक है। यह दिखाता है कि किसी की सच्चाई और ईमानदारी कैसे एक व्यक्ति को बदल सकती है।
  • घोड़े सुल्तान की भूमिका: सुल्तान घोड़े का वर्णन और उसकी विशेषताएँ कहानी में जान डाल देती हैं। यह कहानी के भावनात्मक पहलू को और भी मजबूत बनाता है।
  • नैतिक शिक्षा: कहानी में दी गई नैतिक शिक्षा कि सच्चाई और ईमानदारी हमेशा जीतती है, मुझे बहुत पसंद आई। यह हमें सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी हमें अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना चाहिए।
  • लेखक की भाषा शैली: सुदर्शन की लेखन शैली और संवाद बहुत प्रभावी और सजीव हैं। यह कहानी को पढ़ने में अधिक रोचक बनाते हैं।

इन सभी बातों ने मिलकर इस कहानी को बहुत ही रोचक और प्रेरणादायक बना दिया है।

(ख) कोई भी कहानी पाठक को तभी पसंद आती है जब उसे अच्छी तरह लिखा गया हो। लेखक कहानी को अच्छी तरह लिखने के लिए अनेक बातों का ध्यान रखते हैं, जैसे— शब्द, वाक्य, संवाद आदि। इस कहानी में आए संवादों के विषय में अपने विचार लिखें।
उत्तर: कहानी में संवाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह कहानी को जीवंत और प्रभावशाली बनाते हैं। संवाद पात्रों की भावनाओं, विचारों और उनके आपसी रिश्तों को व्यक्त करने में मदद करते हैं। 
यहाँ पर कुछ विचार दिए गए हैं जो कहानी के संवादों पर आधारित हैं:

  • पात्रों की भावनाएँ व्यक्त करना: संवाद पात्रों के भावनात्मक परिदृश्य को स्पष्ट करते हैं। जैसे कि जब बाबा ने घोड़े को गर्व से दिखाया और खड्गसिंह ने आश्चर्य से देखा, तो इन संवादों से उनकी भावनाएँ और दृष्टिकोण स्पष्ट होते हैं। यह संवाद पाठकों को पात्रों की मानसिक स्थिति को समझने में मदद करते हैं।
  • पात्रों के चरित्र का निर्माण: संवादों के माध्यम से पात्रों के चरित्र का निर्माण होता है। उदाहरण के लिए, जब डाकू अपनी पसंदीदा वस्तुओं पर अधिकार जताता है, तो यह उसके स्वार्थी और बलात्कारी स्वभाव को दर्शाता है। इसी प्रकार, बाबा भारती का "यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है" संवाद उसके आदर्श और निर्णय की गंभीरता को प्रकट करता है।
  • कहानी का विकास: संवाद कहानी की प्रगति और घटनाओं के विकास को भी दर्शाते हैं। जब पात्र अपनी भूल का एहसास करते हैं, तो यह संवाद कहानी की दिशा और पात्रों के निर्णयों को प्रभावित करता है। यह संवाद घटनाओं की श्रृंखला को व्यवस्थित करने में सहायक होते हैं।
  • संवादों का प्रभाव: कहानी में संवाद न केवल पात्रों के विचार और भावनाओं को व्यक्त करते हैं, बल्कि वे पाठकों पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। प्रभावशाली संवाद कहानी को अधिक सजीव और यादगार बनाते हैं। जैसे कि घोड़े के हस्तांतरण के समय का संवाद, जो पात्रों की स्थिति और भावनाओं को स्पष्ट करता है, पाठकों को कहानी से जोड़ता है।

मुहावरे कहानी से

(क) कहानी से चुनकर कुछ मुहावरे नीचे दिए गए हैं— लट्टू होना, हृदय पर साँप लोटना, फूले न समाना, मुँह मोड़ लेना, मुख खिल जाना, न्योछावर कर देना। कहानी में इन्हें खोजकर इनका प्रयोग समझिए।
उत्तर: 

  • लट्टू होना: किसी चीज पर बहुत मोहित होना
  • हृदय पर साँप लोटना: अत्यधिक जलन या ईर्ष्या होना
  • फूले न समाना: अत्यधिक खुशी होना
  • मुँह मोड़ लेना: किसी से संबंध तोड़ लेना
  • मुख खिल जाना: खुशी से चेहरा चमक उठना
  • न्योछावर कर देना: समर्पित कर देना

(ख) अब इनका प्रयोग करते हुए अपने मन से नए वाक्य बनाइए।
उत्तर: 

  • लट्टू होना: वह नई कार देखकर लट्टू हो गया।
  • हृदय पर साँप लोटना: उसकी सफलता देखकर मेरे हृदय पर साँप लोट गया।
  • फूले न समाना: परीक्षा में अच्छे अंक पाकर वह फूले न समा रहा था।
  • मुँह मोड़ लेना: उसने धोखा देने वाले मित्र से मुँह मोड़ लिया।
  • मुख खिल जाना: पुरस्कार मिलने पर उसका मुख खिल गया।
  • न्योछावर कर देना: उसने अपनी सारी संपत्ति गरीबों पर न्योछावर कर दी।

कैसे-कैसे पात्र

इस कहानी में तीन मुख्य पात्र हैं— बाबा भारती, डाकू खड्गसिंह और सुल्तान घोड़ा। इनके गुणों को बताने वाले शब्दों से दिए गए शब्द-चित्रों को पूरा कीजिए।
हार की जीत NCERT Solutions | Hindi for Class 6हार की जीत NCERT Solutions | Hindi for Class 6

उत्तर:
हार की जीत NCERT Solutions | Hindi for Class 6

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पाठ से आगे

सुलतान की कहानी

मान लीजिए, यह कहानी सुलतान सुना रहा है। तब कहानी कैसे आगे बढ़ती ? स्वयं को सुलतान के स्थान पर रखकर कहानी बनाइए।
(संकेत- आप कहानी को इस प्रकार बढ़ा सकते हैं – मेरा नाम सुलतान है। मैं एक घोड़ा हूँ…..)

उत्तर: मेरा नाम सुल्तान है। मैं एक घोड़ा हूँ और मेरे स्वामी बाबा भारती हैं। बाबा भारती मुझसे बहुत प्रेम करते हैं और मेरी देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ते। एक दिन, खड्गसिंह नाम का डाकू मुझे चुराने आया। उसने चालाकी से बाबा को धोखा देकर मुझे ले जाने की कोशिश की, लेकिन बाबा की ईमानदारी और विश्वास ने उसे बदल दिया। अंततः, खड्गसिंह ने मुझे वापस लौटा दिया। इस घटना ने मुझे सिखाया कि सच्चाई और ईमानदारी हमेशा जीतती है।

मन के भाव

(क) कहानी में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। बताइए, कहानी में कौन, कब, ऐसा अनुभव कर रहा था।

  • चकित
  • अधीर
  • डर
  • प्रसन्नता
  • करुणा
  • निराशा

उत्तर: 

  • चकित: जब बाबा भारती ने देखा कि अपाहिज व्यक्ति घोड़े को लेकर भाग गया।
  • प्रसन्नता: जब बाबा भारती को उनका घोड़ा वापस मिल गया।
  • अधीर: जब बाबा भारती ने देखा कि उनका प्रिय घोड़ा सुल्तान गायब है।
  • करुणा: जब अपाहिज व्यक्ति ने बाबा भारती से मदद मांगी।
  • डर: जब बाबा भारती को लगा कि खड्गसिंह उनका घोड़ा चुरा ले जाएगा।
  • निराशा: जब बाबा भारती को लगा कि उनका घोड़ा चला गया है।

(ख) आप उपयुक्त भावों को कब-कब अनुभव करते हैं? लिखिए।
उत्तर: 

  • करुणा: जब मैं किसी गरीब व्यक्ति को देखता हूँ।
  • आश्चर्य: जब मुझे कोई अप्रत्याशित उपहार मिलता है।
  • डर: जब मैं अंधेरे में अकेला होता हूँ।
  • प्रसन्नता: जब मैं अपने दोस्तों के साथ खेलता हूँ।
  • निराशा: जब मैं परीक्षा में अच्छे अंक नहीं ला पाता हूँ।

झरोखे से

आप जानते ही हैं कि लेखक सुदर्शन ने अनेक कविताएँ भी लिखी हैं। आइए, उनकी लिखी एक कविता पढ़ते हैं—

हार की जीत NCERT Solutions | Hindi for Class 6वह चली हवा
वह चली हवा,
वह चली हवा |
ना तू देखे
ना मैं देखूँ
पर पत्तों ने तो देख लिया
वरना वे खुशी मनाते क्यों?
वह चली हवा,
वह चली हवा |
– सुदर्शन

साझी समझ

आपको इस कविता में क्या अच्छा लगा ? आपस में
चर्चा कीजिए और अपनी लेखन – पुस्तिका में लिखिए।

उत्तर:  कविता की अच्छाइयाँ:

  1. सरलता और सुंदरता: कविता की भाषा सरल और प्रभावशाली है। "वह चली हवा, वह चली हवा" के दोहराव से कविता की लय और संगीतात्मकता को बढ़ावा मिलता है। यह सरलता कविता को हर किसी के समझने योग्य बनाती है।

  2. प्राकृतिक दृश्य का चित्रण: हवा के गुजरने का दृश्य पत्तों की खुशी के माध्यम से व्यक्त किया गया है। यह प्राकृतिक दृश्य को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत करता है, जहाँ हवा की उपस्थिति को उसकी निरंतरता और प्रभाव के साथ जोड़ा गया है।

  3. भावनात्मक प्रभाव: कविता में "पर पत्तों ने तो देख लिया वरना वे खुशी मनाते क्यों?" यह पंक्ति पाठकों को सोचने पर मजबूर करती है कि चीजें भले ही हमें न दिखाई दें, लेकिन उनका प्रभाव स्पष्ट होता है। यह विचारशीलता और गहराई को जोड़ती है।

  4. मूल्यांकन और प्रेरणा: कविता में छिपी हुई सच्चाई और संदेश यह है कि अक्सर हमें अपने आस-पास की चीजें ठीक से समझ में नहीं आतीं, लेकिन उनके प्रभाव को हम महसूस कर सकते हैं। यह सिखाती है कि सच्चाई और प्रभाव को समझने के लिए गहराई से देखने की आवश्यकता होती है।

खोजबीन के लिए

सुदर्शन की कुछ अन्य रचनाएँ पुस्तक में दिए गए क्यू.आर. कोड या इंटरनेट या पुस्तकालय की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।
उत्तर: 
सुदर्शन की कविताएँ और अन्य रचनाएँ उनके साहित्यिक योगदान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी रचनाएँ विविध विषयों और भावनाओं को छूने वाली होती हैं। यदि आप उनकी कुछ अन्य रचनाएँ पढ़ना और समझना चाहते हैं, तो निम्नलिखित संसाधनों की सहायता ले सकते हैं:

  • पुस्तक में दिए गए क्यू.आर. कोड: पुस्तक में दिए गए क्यू.आर. कोड को स्कैन करके आप सुदर्शन की अन्य रचनाओं को ऑनलाइन देख सकते हैं। ये कोड अक्सर सीधे लिंक या डिजिटल संग्रह की ओर ले जाते हैं जहाँ आप उनकी कविताएँ और लेख पढ़ सकते हैं।
  • इंटरनेट: सुदर्शन की रचनाओं को इंटरनेट पर खोजने के लिए आप विभिन्न साहित्यिक वेबसाइट्स और ब्लॉग्स का उपयोग कर सकते हैं। Google पर "सुदर्शन कविताएँ" या "सुदर्शन की रचनाएँ" सर्च करके आपको उनकी अन्य रचनाओं के बारे में जानकारी मिल सकती है।
  • पुस्तकालय: यदि आपके पास एक पुस्तकालय की सुविधा है, तो आप वहाँ सुदर्शन की रचनाओं की पुस्तकें खोज सकते हैं। पुस्तकालय में साहित्यिक संग्रह में अक्सर प्रसिद्ध लेखकों और कवियों की रचनाएँ होती हैं।
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FAQs on हार की जीत NCERT Solutions - Hindi for Class 6

1. "हार की जीत" कहानी का मुख्य संदेश क्या है ?
Ans. "हार की जीत" कहानी का मुख्य संदेश यह है कि हार के बावजूद हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। संघर्ष और प्रयास से हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं, और यह भी समझना जरूरी है कि असफलता भी एक सीख होती है।
2. इस कहानी में कौन-कौन से पात्र हैं और उनकी विशेषताएँ क्या हैं ?
Ans. कहानी में मुख्य पात्र सुलतान है, जो साहसी और संघर्षशील है। उसके अलावा अन्य पात्र भी हैं जो उसकी यात्रा में मदद करते हैं या चुनौती देते हैं। उनके माध्यम से कहानी में विभिन्न मनोभावों का चित्रण किया गया है।
3. "हार की जीत" कहानी में किस प्रकार के मुहावरे का प्रयोग किया गया है ?
Ans. कहानी में विभिन्न मुहावरे जैसे "हार मान लेना", "खुद पर विश्वास रखना", और "संघर्ष करना" का प्रयोग किया गया है, जो कहानी की भावनाओं को और गहरा बनाते हैं।
4. इस कहानी में दिनचर्या का क्या महत्व है ?
Ans. इस कहानी में दिनचर्या का महत्व यह है कि यह हमें अनुशासन सिखाती है। नियमित दिनचर्या से हम अपने लक्ष्यों की ओर बेहतर तरीके से बढ़ सकते हैं और जीवन में संतुलन बना सकते हैं।
5. "हार की जीत" कहानी से हमें कौन-कौन से मन के भाव समझ में आते हैं ?
Ans. "हार की जीत" कहानी से हमें संघर्ष, आत्मविश्वास, और उम्मीद जैसे मन के भाव समझ में आते हैं। यह हमें सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करते हुए हमें अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
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