Table of contents |
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परिचय |
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कहानी का सार |
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कहानी से सीख |
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शब्दार्थ |
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निष्कर्ष |
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यह कहानी दोस्ती और व्यवहार के माध्यम से मानव स्वभाव को दर्शाती है। कहानी में नसीरूद्दीन और उनके पुराने दोस्त जमाल साहब के बीच के संवाद और उनके बीच के हास्यपूर्ण प्रसंग को प्रस्तुत किया गया है। यह कहानी यह भी दिखाती है कि कैसे लोगों की सोच और उनकी प्रतिक्रियाएँ परिस्थितियों के अनुसार बदलती हैं।
यह कहानी नसीरूद्दीन और उनके पुराने दोस्त जमाल साहब के बीच के हास्यास्पद घटनाओं को बताती है। नसीरूद्दीन कई सालों बाद अपने दोस्त जमाल साहब से मिलते हैं। पुराने दोस्त से मिलने की खुशी में वे उन्हें मोहल्ले में घूमने का सुझाव देते हैं। लेकिन जमाल साहब अपनी साधारण पोशाक को लेकर झिझक महसूस करते हैं और मना कर देते हैं।
नसीरूद्दीन इस समस्या को हल करने के लिए अपनी एक भड़कीली अचकन उन्हें दे देते हैं। दोनों तैयार होकर घूमने निकलते हैं। पहले पड़ोसी के घर जाते समय नसीरूद्दीन मज़ाक में बताते हैं कि जो अचकन जमाल साहब ने पहनी है, वह उनकी (नसीरूद्दीन की) है। यह सुनकर जमाल साहब को शर्मिंदगी होती है और वे नाराज़ हो जाते हैं।
दूसरी बार नसीरूद्दीन उन्हें दूसरे पड़ोसी से मिलवाते हैं और इस बार कहते हैं कि अचकन जमाल साहब की अपनी है। यह सुनकर जमाल साहब फिर से नाराज़ हो जाते हैं और कहते हैं कि झूठ बोलने की क्या ज़रूरत थी।
आखिर में, जब नसीरूद्दीन तीसरे पड़ोसी से मिलवाते हैं, तो वे कहते हैं कि अचकन के बारे में कुछ भी नहीं कहेंगे। यह सुनकर जमाल साहब शांत हो जाते हैं। यह कहानी मज़ेदार तरीके से यह सिखाती है कि छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने के बजाय अपने व्यवहार को सरल और ईमानदार रखना चाहिए।
यह कहानी सिखाती है कि लोगों की सोच और व्यवहार को समझने के लिए धैर्य और संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है। हँसी-मज़ाक के दौरान दूसरों की भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए।
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1. "दोस्त की पोशाक" कहानी का मुख्य विषय क्या है ? | ![]() |
2. इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है ? | ![]() |
3. कहानी में मुख्य पात्र कौन-कौन हैं ? | ![]() |
4. "दोस्त की पोशाक" कहानी में कौन से मूल्यों का वर्णन किया गया है ? | ![]() |
5. क्या कहानी में कोई विशेष घटना है जो इसे रोचक बनाती है ? | ![]() |