प्रश्न 1: हेलेन केलर की आत्मकथा किस नाम से प्रकाशित हुई?
(i) मेरे जीवन की कथा
(ii) मेरी आत्मकथा
(iii) स्टोरी ऑफ लाइफ
(iv) जीवन की खोज
उत्तर: (iii) स्टोरी ऑफ लाइफ
प्रश्न 2: लेखिका के टहनी पर हाथ रखते ही किसके मधुर स्वर कानों में गूंजने लगते हैं?
(i) कोयल के
(ii) कबूतर के
(iii) चिड़िया के
(iv) तोतों के
उत्तर: (iii) चिड़िया के
प्रश्न 3: 'लोग देखकर भी नहीं देखते' शीर्षक का अर्थ क्या है?
(i) लोगों को कम दिखाई देता है
(ii) लोगों की देखने में रुचि नहीं है
(iii) लोग आस-पास की योग्य चीजों को देखकर भी उनकी ओर आकर्षित नहीं होते
(iv) वह कुछ देखना ही नहीं चाहते
उत्तर: (iii) लोग आस-पास की योग्य चीजों को देखकर भी उनकी ओर आकर्षित नहीं होते।
प्रश्न 4: लेखिका को कौन-सा शारीरिक दोष है?
(i) गूंगी
(ii) दृष्टिहीन
(iii) अपंग
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ii) दृष्टिहीन
प्रश्न 5: लेखिका को घास के मैदान किस से अधिक प्रिय लगते हैं ?
(i) सस्ते कालीन से
(ii) मखमली कालीन से
(iii) महंगे कालीन से
(iv) महंगी दरी से
उत्तर: (iii) महंगे कालीन से
प्रश्न 1: लेखिका ने घास की तुलना किससे की और क्यों?
लेखिका ने घास के मैदान की तुलना किसी मँहगे कालीन से करते हुए कहा कि घास कालीन से अधिक नर्म और आनंद देने वाली होती है।
प्रश्न 2: लेखिका स्वयं को कब खुशनसीब मानती थी?
बगीचे में घूमते समय पेड़ की टहनी पर हाथ रखते ही अगर किसी चिड़िया का मधुर स्वर सुनाई दे जाता तो लेखिका स्वयं को खुशनसीब समझती थी।
प्रश्न 3: लेखिका को क्या विश्वास हो गया था?
लेखिका को विश्वास हो गया था कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे देखकर भी नहीं देखते। वे वस्तुओं की सुंदरता को अनदेखा कर देते हैं।
प्रश्न 4: लेखिका किसे अनुभव करती है ? और उन्हें कौन सी चीज कालीन से भी अधिक प्रिय है?
लेखिका पक्षियों के गीत को अनुभव करती है और उन्हें घास का मैदान कालीन से भी अधिक प्रिय है |
प्रश्न 5: बदलता मौसम लेखिका को कैसी खुशियाँ दे जाता था?
बदलता मौसम लेखिका के जीवन में नया रंग भर देता था और ढेरों खुशियाँ दे जाता था।
प्रश्न 1: प्राकृतिक वस्तुओं को देखने के प्रति लेखिका और अन्य लोगों के दृष्टिकोण में क्या अन्तर है?
साधारण मनुष्य दृष्टि के महत्व को नहीं समझते इसलिए वह प्रकृति की सुन्दरता को ठीक से नहीं देखते लेकिन दृष्टिहीन होने के कारण वह प्राकृतिक वस्तुओं को देख नहीं पाती उन्हें छूकर महसूस करती है और उनकी सुन्दरता पर आनंदित होती है।
प्रश्न 2: लेखिका ने किसे नियामत माना है? उससे क्या किया जा सकता है?
लेखिका दृष्टि को ईश्वर की अनूठी देन (नियामत) मानती है। दृष्टि ईश्वर द्वारा दी गई नियामत है। दृष्टि से हम जीवन में अनेक प्रकार की खुशियाँ ला सकते हैं। इस दृष्टि के सही उपयोग से मानव जितनी चाहे उतनी उन्नति कर सकता है। दृष्टि हर सुख को पाने का माध्यम है। इस दृष्टि के द्वारा ही हम स्वावलंबी बनते हैं। साथ ही समाज की भी उन्नति कर सकते हैं।
प्रश्न 3: लेखिका का मन कब मुग्ध हो जाता?
लेखिका का मन हर वस्तु को देखने के लिए बेचैन हो जाता है। उसे उन चीजों को जिन्हें छूने भर से उसे खुशी होती है यदि वह उन्हें देख सकती तो उसका मन मुग्ध हो जाता।
प्रश्न 4: लेखिका यह क्यों मानती है कि जिन लोगों की आँखें हैं वह सचमुच बहुत कम देखते हैं?
लेखिका नेत्रहीन थी। पर वह जानती थी कि इस दुनिया में बहुत सी सुंदर चीजें हैं। अनेक लोग आँख होते हुए भी उनकी ओर बहुत कम देखते हैं। उनके मन में प्रकृति की विभिन्न चीजों की सुंदरता को देखने में रुचि ही नहीं होती। उनमें अपनी क्षमताओं के प्रति कद्र नहीं है। वे उन वस्तुओं को पाना चाहते हैं जो उनके पास नहीं हैं।
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