अ से आया अनार, मीठा उसका स्वाद,
आ से आम पका है, सबको है बहुत याद।
इ से इमली खट्टी–मीठी, मुंह में पानी लाए,
ई से ईख चूसो बच्चो, मीठी रस की छाए।
उ से उल्लू बोले रात में, देखो उसकी आँख,
ऊ से ऊन बनी टोपी, पहन लो अब तो ठंड।
ऋ से ऋषि ध्यान में बैठा, ज्ञान की बात बताए,
ए से एकता हम सबकी, दिलों को जो जोड़े जाए।
ऐ से ऐनक आँखों पे, पढ़ने में ये काम आए,
ओ से ओखली, उसमें मसाले पीसे जाए।
औ से औरत घर संभाले, सबका ध्यान रखे,
अं से अंगूर, गुच्छों में आए, खाओ मन बहलाए।
अः से अः की ध्वनि निकले, ध्यान से इसे समझो भाई।
बच्चों चलो अब गाएं सब, वर्णमाला याद करवाई!
क से कबूतर उड़ चला गगन में,
ख से खरगोश भागा था वन में।
ग से गाय देती है दूध,
घ से घोड़ा दौड़े खूब।
ङ से ङग–ङग बजा ढोल,
च से चमगादड़ उल्टा गोल।
छ से छाता बारिश लाया,
ज से जंगल बहुत सुहाया।
झ से झूला बाग में झूमा,
ञ से ञान (ज्ञान) है सबसे ऊँचा।
ट से टमाटर लाल–लाल,
ठ से ठठेरा बजाए ढाल।
ड से डमरू शिवजी वाला,
ढ से ढोल बजे हर गली–मोहल्ला।
ण से णख–शिख, शब्द बड़ा भारी,
त से तरबूज, ठंडक सारी।
थ से थर्मस, चाय रखे गर्म,
द से दरवाज़ा, बंद हो फर्म।
ध से धनुष, राम जी का साथ,
न से नक्शा, दिखाए हर राह।
प से पतंग उड़ती नीली,
फ से फूल, खिले बहुत सीली।
ब से बकरी, बोले मैं–मैं,
भ से भालू, बड़ा तगड़ा है!
म से मछली, तैरती पानी में,
य से यज्ञ, अग्नि की वाणी में।
र से राजा, पहनें ताज,
ल से लट्टू, घूमे आज।
व से विमान, उड़ता ऊपर,
श से शेर, जंगल का सुपर!
ष से षट्कोण, गिनती में आए,
स से सूरज, रोशनी लाए।
ह से हाथी, भारी–भरकम,
क्ष से क्षत्रिय, वीर और दमदम।
त्र से त्रिशूल, शिवजी का शस्त्र,
ज्ञ से ज्ञान, सबसे है श्रेष्ठ!
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2. इस कविता के माध्यम से बच्चों को क्या सिखाया जाता है? | ![]() |
3. क्या यह कविता कक्षा LKG के छात्रों के लिए उपयुक्त है? | ![]() |
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