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Vygotsky's Sociocultural Development - Hindi Video Lecture | Child Development and Pedagogy for CTET Preparation - CTET & State TET

FAQs on Vygotsky's Sociocultural Development - Hindi Video Lecture - Child Development and Pedagogy for CTET Preparation - CTET & State TET

1. वाइगोत्स्की की सामाजिक-सांस्कृतिक विकास का महत्व क्या है?
उत्तर: वाइगोत्स्की की सामाजिक-सांस्कृतिक विकास सिद्धांत के अनुसार, शिक्षा और विकास में सामाजिक माध्यमों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसे वाइगोत्स्की का "प्रोक्सिमल विकास क्षेत्र" कहा जाता है, जहां बच्चों को एक्सपर्ट्स और प्रेरकों के साथ सहयोग करके उनकी शिक्षा और समझ में सहायता मिलती है। इससे बच्चों का सामाजिक-मानसिक विकास बढ़ता है।
2. वाइगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास सिद्धांत का उपयोग किन-किन क्षेत्रों में होता है?
उत्तर: वाइगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास सिद्धांत का उपयोग शिक्षा, मनोविज्ञान, विकास और सामाजिक विज्ञान में होता है। इसे शिक्षाशास्त्र में आधारभूत सिद्धांत के रूप में मान्यता दी जाती है और इसका उपयोग शिक्षा के अलावा भी विभिन्न क्षेत्रों में होता है जहां व्यक्ति के सामाजिक-मानसिक विकास की जरूरत होती है।
3. वाइगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास सिद्धांत की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर: वाइगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास सिद्धांत की मुख्य विशेषताएं इसके अनुसार बच्चों का शिक्षा और विकास सामाजिक माध्यमों के माध्यम से होता है, वाइगोत्स्की का "प्रोक्सिमल विकास क्षेत्र" इसका मुख्य प्रमाण है और इसमें बच्चों को एक्सपर्ट्स और प्रेरकों के साथ सहयोग करने का मौका मिलता है। इससे उनका सामाजिक-मानसिक विकास होता है।
4. वाइगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास की प्रासंगिकता क्या है?
उत्तर: वाइगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास सिद्धांत की प्रासंगिकता यह है कि वह शिक्षा और विकास के क्षेत्र में व्यक्ति के सामाजिक और मानसिक विकास के महत्वपूर्ण तत्वों को समझाता है। यह सिद्धांत सामाजिक संदर्भ में व्यक्ति की विकास और समझ को महत्वपूर्ण मानता है और उसकी शिक्षा को सामाजिक माध्यमों के माध्यम से सुनिश्चित करने की आवश्यकता को प्रमुखता देता है।
5. क्या वाइगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास सिद्धांत का उपयोग शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर संभव है?
उत्तर: हां, वाइगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास सिद्धांत का उपयोग शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर संभव है। इस सिद्धांत के अनुसार, बच्चों को उनकी सोच और समझ को सुधारने के लिए उनके पास एक्सपर्ट्स और प्रेरकों का सहयोग होना चाहिए। इसलिए, प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों को बच्चों के साथ एक्सपर्ट्स और प्रेरकों को जोड़कर उनकी शिक्षा में सहायता करने की आवश्यकता
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