(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा बनाइए-
(1) हिंद महासागर के लिए कविता में कौन-सा शब्द आया है?
(i) चरण
(ii) वंशी
(iii) हिमालय
(iv) सिंधु
उत्तर: सिंधु
सिंधु शब्द हिंद महासागर के लिए प्रयुक्त हुआ है क्योंकि यह प्राचीन काल से ही समुद्र के संदर्भ में इस्तेमाल होता रहा है।
(2) मातृभूमि कविता में मुख्य रूप से-
(i) भारत की प्रशंसा की गई है।
(ii) भारत के महापुरूषों की जय की गई है।
(iii) भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।
(iv) भारतवासियों की वीरता का बखान किया गया है।
उत्तर: भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।
भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है क्योंकि कविता में भारत की नदियाँ, पर्वत, वन और अन्य प्राकृतिक तत्वों की महिमा का गुणगान किया गया है।
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर: (1) हिंद महासागर का प्राचीन नाम ‘सिंधु महासागर’ था जो प्राचीन भारतीयों द्वारा रखा गया था। भारत के नाम पर इस सागर का नाम ‘हिंद महासागर’ रखा गया। कविता में सोहनलाल द्विवेदी ने हिंद महासागर से अपनत्व के कारण इसे सिंधु नाम से पुकारा इसलिए ‘सिंधु’ शब्द का विकल्प, चयन करना उचित होगा।
(2) ‘मातृभूमि’ कविता में कवि सोहनलाल जी ने भारत के पर्वतों, नदियों, वृक्षों, मलय, पवन, घनी अमराइयों आदि की चर्चा अधिक की है इसलिए भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है। विकल्प का चयन उचित है।
पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
उत्तर:
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-
“वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी।
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी|"
उत्तर: कवि ने भारत को ‘युद्ध भूमि मेरी’ कहा क्योंकि भारत की भूमि सदा संघर्ष की भूमि रही है यह हमें हर तरह के अभाव, अज्ञान और दुख से लड़ना सिखाती है। भारत पर कितने ही शासकों ने शासन किया लेकिन भारतीयों ने अपनी सभ्यता एवं संस्कृति पर आँच नहीं आने दी। कवि भारत को बुद्धभूमि कहा क्योंकि महात्मा बुद्ध ने भारतीयों को प्रेम, दया एवं अहिंसा का संदेश दिया ताकि भारत में अखंडता न रहे।
आत्मसम्मान व आंतरिक लगाव के कारण कवि इसे मातृभूमि की संज्ञा देता है। अंत में कवि इस पावन धरती को जन्मभूमि कहा क्योंकि वह इसी धरती पर जन्मा है और उसे भारत की गौरवमयी धरती पर जन्म लेने पर अत्यधिक गर्व है।
(क) कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
(i) कोयल कहाँ रहती है?
उत्तर: कोयल अमराइयों (आम के बगीचों) में रहती है, जहाँ वह मधुर गीत गाती है।
(ii) तन-मन कौन सँवारती है?
उत्तर: मलय पर्वत से आने वाली सुगंधित पवन तन-मन को सँवारती है।
(iii) झरने कहाँ से झरते हैं?
उत्तर: झरने पहाड़ियों से झरते हैं, जहाँ वे कल-कल करते हुए बहते हैं।
(iv) श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया था?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने गीता सुनाई थी।
(v) गौतम ने किसका यश बढ़ाया?
उत्तर: गौतम बुद्ध ने दया, प्रेम और अहिसा का संदेश देकर भारत का यश बढ़ाया।
(ख) “नदियाँ लहर रही हैं
पग पग छहर रही हैं?
‘लहर' का अर्थ होता है— पानी का हिलोरा, मौज, उमंग, वेग, जोश
'छहर' का अर्थ होता है— बिखरना, छितराना, छिटकना, फैलना
कविता पढ़कर पता लगाइए और लिखिए-
(i) कहाँ-कहाँ छटा छहर रही हैं?
उत्तर: प्रयागराज में जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का मिलन होता है, उसके आस-पास दूर-दूर तक लहरों अर्थात धाराएँ छहर रही हैं अर्थात उनकी सुंदरता चारों ओर छिटककर, बिखरकर मन – मोह रही है
(ii) किसका पानी लहर रहा है?
उत्तर: प्रयागराज में जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का पानी लहरा – लहरा कर बह रहा है। ऐसा लगता है कि मानो ये तीनों नदियाँ मिलकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर रही हैं।
“गंगा यमुन त्रिवेणी
नदियाँ लहर रही हैंग
‘यमुन’ शब्द यहाँ ‘यमुना’ नदी के लिए आया है। कभी-कभी कवि कविता की लय और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए इस प्रकार से शब्दों को थोड़ा बदल देते हैं। यदि आप कविता को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी। आपको जो विशेष बातें दिखाई दें, उन्हें आपस में साझा कीजिए और लिखिए। जैसे सबसे ऊपर इस कविता का एक शीर्षक है।
उत्तर: "नीचे चरण टेल झुक,
नित सिंधु झूमता है।"
'सिंधु' शब्द यहाँ 'हिन्द महासागर' के लिए आया है।
अमराइयाँ घनी हैं
कोयल पुकारती है,
'अमराइयाँ' शब्द यहाँ 'आम के पेड़' के लिए आया है।
बहती मलय पवन है,
तन-मन सँवारती है।
'मलय' शब्द यहाँ 'सुगंधित' लिए आया है।
श्रीकृष्ण ने सुनाई,
वंशी पुनीत गीता।
'पुनीत' शब्द यहाँ 'पवित्र' अथवा 'शुद्ध' के लिए आया है।
गौतम ने जन्म लेकर,
जिसका सुयश बढ़ाया,
'जिसका' शब्द यहाँ 'भारत देश' के लिए आया है।
स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलते-जुलते भाव वाली पंक्तियों को रेखा खींचकर जोड़िए—
उत्तर:
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) “अमराइयाँ’ घनी हैं
कोयल पुकारती है”
कोयल क्यों पुकार रही होगी? किसे पुकार रही होगी? कैसे पुकार रही होगी?
उत्तर: वसंत श्रतु के आने से वहाँ की जलवायु इतनी सुखदायी है कि कोयल प्रसन्न होकर मधुर गीत गाकर अपने साथी व्र अन्य कोयल साथियों को पुकार रही होगी। कोयल मीठी और लयबद्ध स्वर में पुकार रही होगी।
(ख) “बहती मलय पवन है,
तन मन सँवारती है”
पवन किसका तन-मन सँवारती है? वह यह कैसे करती है?
उत्तर: पवन सभी जीव-जंतुओं और मानव का तन-मन सँचारती हैं। मलय पवन अपनी शीतल हवा और सुगंध से सभी औवों का शारीरिक और मानसिक ताजगी प्रदान करती हैं।
नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।
(क) नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए-
"जगमग छटा निराली
पग पग छहर रही हैं।"
इन पंक्तियों में ‘पग’ शब्द दो बार आया है। इसका अर्थ है ‘हर पग’ या ‘हर कदम’ पर। शब्दों के ऐसे ही कुछ जोड़े नीचे दिए गए हैं। इनके अर्थ लिखिए-
उत्तर:
(ख) "वह युद्ध-भूमि मेरी,
वह बुद्ध-भूमि मेरी"
कविता में 'भूमि' शब्द में अलग-अलग शब्द जोड़कर नए-नए शब्द बनाए गए हैं। आप भी कुछ नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ पता कीजिए-
(संकेत — तप, देव, भारत, जन्म, कर्म, कर्तव्य, मरु, मलय, मल्ल, यज्ञ, रंग, रण, सिद्ध आदि)उत्तर:
नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए-
“जग को दया सिखाई,
जग को दिया दिखाया।”
‘दया’ और ‘दिया’ में केवल एक मात्रा का अंतर है, लेकिन इस एक मात्रा के कारण शब्द का अर्थ पूरी तरह बदल गया है। आप भी अपने समूह में मिलकर ऐसे शब्दों की सूची बनाइए जिनमें केवल एक मात्रा का अंतर हो, जैसे घड़ा -घड़ी।
उत्तर: चाँद-चाँदी, घट-घाट, चना-चीन, मेला – मैला, दान – दिन
(क) इस कविता में भारत का सुंदर वर्णन किया गया है। आप भारत के किस स्थान पर रहते हैं? वह स्थान आपको कैसा लगता है? उस स्थान की विशेषताएँ बताइए।
(संकेत— प्रकृति, खान-पान, जलवायु, प्रसिद्ध स्थान आदि)
उत्तर: मैं भारत के राजस्थान राज्य में रहता हूँ। यहाँ की मरुस्थलीय सुंदरता और रेत के टीलों की अद्भुत छटा देखते ही बनती है। यहाँ का खान-पान मुख्यतः दाल-बाटी-चूरमा और गट्टे की सब्जी है। राजस्थान का जलवायु गर्मी में बहुत तप्त और सर्दियों में ठंडी रहती है। यहाँ का सबसे प्रसिद्ध स्थान जयपुर का हवा महल और जैसलमेर का सोनार किला है।
(ख) अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र के बारे में लिखिए। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको अच्छी लगती हैं?
उत्तर: मेरे मित्र का नाम रोहन है। उसकी सबसे अच्छी बात यह है कि वह हमेशा हर किसी की मदद करने को तैयार रहता है। वह पढ़ाई में बहुत होशियार है और हर मुश्किल विषय को आसानी से समझा लेता है।
श्रीकृष्ण ने सुनाई
वंशी पुनीत गीता
'वंशी' बाँसुरी को कहते हैं। यह मुँह से फूँक कर बजाया जाने वाला एक ‘वाद्य’ यानी बाजा है। नीचे फूँक कर बजाए जाने वाले कुछ वाद्यों के चित्र दिए गए हैं। इनके नाम शब्द-जाल से खोजिए और सही चित्र के नीचे लिखिए।
उत्तर:
नीचे दिए गए अक्षरों को मिलाकर कोई सार्थक शब्द बनाइए। अक्षरों को आगे-पीछे किया जा सकता है यानी उनका क्रम बदला जा सकता है। आप अपने मन से किसी भी अक्षर के साथ कोई मात्रा भी लगा सकते हैं। पहला शब्द हमने आपके लिए पहले ही बना दिया है।उत्तर:
आपने ‘मातृभूमि’ कविता को भी पढ़ा और ‘वंदे मातरम्’ को भी अब कक्षा में चर्चा कीजिए और पता लगाइए कि इन दोनों में कौन-कौन सी बातें एक जैसी हैं और कौन-कौन सी बातें कुछ अलग हैं।
उत्तर: विविधता: ‘मातृभूमि’ कवित में भूमि को अनेक नामों से संबोधित किया गया है–स्वर्ण भूमि जन्म भूमि, कर्म भूमि, धर्म भूमि आदि।
समानता: दोनों कविताओं में भूमि के प्रति सम्मान का भाव प्रकट किया गया है।
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