उत्तर: भलाई के कार्य करते रहना (★)
(2) “जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की, चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी”
यह वाक्य किससे कहा गया है?
उत्तर: मनुष्यों से (★)
(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण सहित बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर: (1) मैंने ‘भलाई के कार्य करते रहना’ उत्तर इसलिए चुना क्योंकि कविता का शीर्षक भी ‘जलाते चलो’ है। पूरी कविता में बुराई, अनाचार, पाप, लोभ आदि बुराइयों को मिटाकर भलाई के कार्य करने की प्रेरणा दी गयी है।
(2) मैंने ‘मनुष्यों से’ उत्तर इसलिए चुना क्योंकि मानव नेही प्रेम रूपी प्रकाश का दीपक जलाकर ‘तिमिर’ अर्थात अंधकार, बुराइयों आदि की चुनौती को स्वीकार किया था।
कविता में से चुनकर कुछ शब्द यहाँ दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।उत्तर:
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-“दिये और तूफ़ान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी,
जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी।
रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा।”
उत्तर: “दिये और तूफ़ान की यह कहानी चली आ रही और चलती रहेगी”:
यह पंक्ति बताती है कि दिये और तूफ़ान की लड़ाई, जो प्रतीकात्मक रूप से संघर्ष और आत्मविपरीतता का प्रतिनिधित्व करती है, यह एक पुरानी कहानी है और यह भविष्य में भी चलती रहेगी। यह जीवन के संघर्षपूर्ण पहलुओं को दर्शाती है।
“जली जो प्रथम बार लौ दीप की स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी”:
यहाँ दीप की लौ की चमक को स्वर्ण के समान बताया गया है, जो पहली बार जलने के बाद भी स्थायी और उज्ज्वल रहती है। यह संकेत करता है कि एक बार स्थापित किए गए अच्छे कार्य या सच्चाई का प्रकाश समय के साथ भी कायम रहता है।
“रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा”:
इस पंक्ति का अर्थ है कि अगर धरती पर एक भी दीप जलता रहे, तो अंधेरे (रात) के समाप्त होने की संभावना बनी रहती है। यह आशा और उम्मीद की बात करती है कि एक छोटा सा प्रकाश भी अंधेरे को दूर कर सकता है और जीवन में उजाला ला सकता है।
कविता को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और अपनी लेख पुस्तक में लिखिए—
(क) कविता में अंधेरे या तिमिर के लिए किस स्थिति के उदाहरण दिए गए हैं?
उत्तर:
(ख) यह कविता आशा और उत्साह जगाने वाली कविता है। इसमें क्या आशा की गई है? यह आशा क्यों की गई है?
उत्तर: यह कविता जीवनरूपी दीप में स्नेह व अपनापन रूपी तेल भरकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। निराशा के बीच ही आशा की एक किरण दिखाई देती है। मानव और विश्व कल्याण हेतु हमें महापुरुषों के पदचिह्नों पर चलना होगा। प्रेम, सद्भावना और मानवीय सौहार्द से यह जीवन खुशहाल बनता है। नई पीढ़ी इतिहास में हुए महान लोगों से प्रेरणा लेकर एक सुंदर भविष्य की नींव रखेगी। कविता मनुष्य के हृदय में विश्व बंधुत्व की आशा जाग्रत करती है।
(ग) कविता में किसे जलाने और किसे बुझाने की बात कही गई है?
उत्तर: मनुष्य को आशा का दीपक जलाकर रखना चाहिए। स्नेह से भरे दीपक चारों ओर रोशनी फैलाएं, जबकि बिना स्नेह वाले विद्युत दीपक को बुझा देना चाहिए, क्योंकि कृत्रिम चीजें बाधाएं उत्पन्न करती हैं।
“जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर
कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा ।”
इन पंक्तियों को अपने शिक्षक के साथ मिलकर लय सहित गाने या बोलने का प्रयास कीजिए। आप हाथों से ताल भी दे सकते हैं। दोनों पंक्तियों को गाने या बोलने में समान समय लगा या अलग-अलग? आपने अवश्य ही अनुभव किया होगा कि इन पंक्तियों को बोलने या गाने में लगभग एक-समान समय लगता है। केवल इन दो पंक्तियों को ही नहीं, इस कविता की प्रत्येक पंक्ति को गाने में या बोलने में लगभग समान समय ही लगता है। इस विशेषता के कारण यह कविता और अधिक प्रभावशाली हो गई है।
आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको और भी अनेक विशेष बातें दिखाई देंगी।
(क) इस कविता को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस कविता की विशेषताओं की सूची बनाइए, जैसे इस कविता की पंक्तियों को 2–4, 2-4 के क्रम में बाँटा गया है आदि।
उत्तर: विद्यार्थी पढ़कर स्वयं कविता की विशेषतओं की सूची बनाएँ और उसे कक्षा में साझा करें।
(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर: विद्यार्थी पढ़कर स्वयं कविता की विशेषतओं की सूची बनाएँ और उसे कक्षा में साझा करें।
स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलते-जुलते भाव वाली पंक्तियों को रेखा खींचकर जोड़िए।उत्तर:
(क) "दिये और तूफान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी"
दीपक और तूफान की यह कौन-सी कहानी हो सकती है जो सदा से चली आ रही है?
उत्तर: दिये और तूफ़ान की कहानी से अभिप्राय-अमीर-गरीब, सत्य-असत्य, हिंसा – अहिंसा, पाप-पुण्य आदि अच्छाई और बुराई से है।
अच्छाइयों और बुराइयों का टकराव होना स्वाभाविक है। इनके टकराव की कहानी युगों-युगों से चली आ रही है और आगे भी ऐसे ही चलती रहेगी।
(ख) "जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी"
दीपक की यह सोने जैसी लौ क्या हो सकती है जो अनगिनत सालों से जल रही है?
उत्तर: दीपक की यह सोने जैसी लौ आशा और उम्मीद का प्रतीक है। यह लौ अनगिनत सालों से जल रही है। हमारा जीवन अच्छे भविष्य की आशा का सहारा लेकर ही चलता है। यदि किसी कारणवश किसी की आशा और उम्मीद समाप्त हो जाए तो वह व्यक्ति सकारात्मक विचारों को छोड़कर निराशावादी बन जाता है। ऐसा व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार हो जाता है। इसलिए सभी के जीवन में आशा और उम्मीद की लौ जलाना और जलना दोनों आवश्यक है चाहे वह लौ मंद-मंद ही जले।
"कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा-सी"
"अमावस" का अर्थ है "अमावस्या"। इन दोनों शब्दों का अर्थ तो समान है लेकिन इनके लिखने-बोलने में थोड़ा-सा अंतर है। ऐसे ही कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इनमें मिलते-जुलते दूसरे शब्द खोजकर लिखिए।
शब्द कविता से खोजकर लिखिए। ऐसे ही कुछ अन्य शब्द आपस में चर्चा करके खोजिए और लिखिए।
1. दिया ______
2. उजेला ______
3. अनगिन _____
4. ______
5. _____
6. _______
उत्तर:
1. दिया – दीप
2. उजेला – उजाला
3. अनगिन – अनगिनत
4. दिन – दिवस
5. धरा – धरती
6. सिल – शिला
नीचे कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। पंक्तियों के सामने लगभग समान अर्थ वाले कुछ शब्द दिए गए हैं। आप उनमें से वह शब्द चुनिए, जो उस पंक्ति में सबसे उपयुक्त रहेगा—
1. बहाते चलो ________ तुम वह निरंतर (नैया, नाव, नौका)
कभी तो तिमिर का _____ मिलेगा। (तट, तीर, किनारा)
उत्तर: नाव, किनारा
2.रहेगा _____ पर दिया एक भी यदि (धरा, धरती, भूमि)
कभी तो निशा को ______ मिलेगा।। (प्रात:, सुबह, सवेरा)
उत्तर: धरा, सवेरा
3. जला दीप पहला तुम्हीं ने _____ की (अंधकार, तिमिर, अँधेरे)
चुनौती _____ बार स्वीकार की थी। (प्रथम, अव्वल, पहली)
उत्तर: तिमिर, प्रथम
आपने अनुभव किया होगा कि कविता में इन दोनों शब्दों का प्रयोग ‘रात’ और ‘सुबह’ के लिए नहीं किया गया है। अपने समूह में चर्चा करके पता लगाइए कि ‘निशा’ और ‘सवेरा’ का इस कविता में क्या-क्या अर्थ हो सकता है।
(संकेत — निशा से जुड़ा है ‘अंधेरा’ और सवेरा से जुड़ा है ‘उजाला’)
उत्तर: (क) निशा (अर्थात अँधेरा): यह जीवन में आने वाली कठिनाइयों, संघर्ष, और समस्याओं का प्रतीक हो सकता है।
यह निराशा, दुख, या जीवन में आने वाली कठिन घड़ियों का भी प्रतिनिधित्व कर सकता है।
सवेरा (अर्थात उजाला): यह उम्मीद, नई शुरुआत, और सकारात्मकता का प्रतीक हो सकता है।
यह सफलता, समाधान, और जीवन में आने वाली खुशियों का भी संकेत कर सकता है।
उत्तर:
(ग) अपने समूह में मिलकर ‘निशा’ और ‘सवेरा’ के लिए कुछ और शब्द सोचिए और लिखिए।(संकेत – नीचे दिए गए चित्र देखिए और इन पर विचार कीजिए ।)उत्तर:
“जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की
चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी”
कविता की इस पंक्ति को वाक्य के रूप में इस प्रकार लिख सकते हैं-
“तुम्हीं ने पहला दीप जला तिमिर की चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी ।
” अब नीचे दी गई पंक्तियों को इसी प्रकार वाक्यों के रूप में लिखिए-
उत्तर:
“घिरी आ रही है अमावस निशा-सी
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी”
इन पंक्तियों में कुछ शब्दों के नीचे रेखा खिंची है। इनमें ‘सी’ शब्द पर ध्यान दीजिए। यहाँ ‘सी’ शब्द समानता दिखाने के लिए प्रयोग किया गया है। ‘सा/सी/से’ का प्रयोग जब समानता दिखाने के लिए किया जाता है तो इनसे पहले योजक चिह्न (-) का प्रयोग किया जाता है।
अब आप भी विभिन्न शब्दों के साथ ‘सा / सी / से’ का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से पाँच वाक्य अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
(क) “रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा।”
यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य समझ ले और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करे तो पूरी दुनिया सुंदर बन जाएगी। आप भी दूसरों के लिए प्रतिदिन बहुत-से अच्छे कार्य करते होंगे। अपने उन कार्यों के बारे में बताइए ।
उत्तर: मेरे द्वारा किए जाने वाले कुछ अच्छे कार्य-
(ख) इस कविता में निरश न होने, चुनौतियों का सामना करने और सबके सुख के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया है। यदि आपको अपने किसी मित्र को निराश न होने के लिए प्रेरित करना हो तो आप क्या करेंगे? क्या कहेंगे? अपने समूह में बताइए ।
उत्तर: मेरी ही कक्षा में पढ़ने वाला मेरा मित्र अमित काफी समय से विद्यालय नहीं आ रहा था । अध्यापिका से पूछने पर पता चला कि उसके पापा काफ़ी समय से बीमार चल रहे थे। बीमारी के चलते वे अपने व्यापार पर ध्यान नहीं दे पाए और उनके व्यापार के साझीदार उनके मित्र ने ही उन्हें धोखा दे दिया। नया सत्र आरंभ हुए दो महीने हो गए थे। नए पाठ्यक्रम का अमित को कुछ पता नहीं था। वह काफी होनहार छात्र है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका जी ने उसकी फ़ीस माफ़ कर दी। पुस्तकों व अन्य सामान हम सहपाठियों ने उसे लेकर दे दिए। अपने पिता की बीमारी के कारण वह जीवन से निराश हो गया था। हमारे अध्यापक मंडल व हम मित्रों ने उसका हौंसला बढ़ाया। जो पाठ्यक्रम हो चुका था, उसकी फोटो कॉपी करवा कर हमने उसे दी। वह मेरे घर के पास ही रहता है। मेरे पापा हम दोनों को विद्यालय छोड़कर आते हैं और लाते भी हैं। मेरे पापा ने मुझे कुछ पुस्तकें लाकर दी थीं, जिनमें संकट के समय हार न मानने की प्रेरणा दी गई है। मैं प्रतिदिन उन पुस्तकों की कुछ पंक्तियाँ अमित को समझाता हूँ और लिखकर भी देता हूँ। अब उसके पापा काफ़ी ठीक हो गए हैं। मेरे मित्र में भी हिम्मत का संचार हो रहा है।
(ग) क्या आपको कभी किसी ने कोई कार्य करने के लिए प्रेरित किया है? कब? कैसे? उस घटना के बारे में बताइए।
उत्तर: मेरी मां ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह कहती हैं कि हमेशा आगे बढ़ना चाहिए। बीती हुई घटनाओं से कुछ सीखो और आगे बढ़ो। मुझे खेल की प्रतियोगिता में हिस्सा लेना था। लेकिन मुझे डर भी बहुत लग रहा था। तब मेरी मां ही है जिसने मुझे प्रोत्साहित किया। उसने कहा की निराश मत होना हार, जीत तो चलता ही रहता है। लेकिन डर की वजह से खेल में शामिल ही ना होना यह गलत बात है। तुम हिस्सा लो और आज से खेल की तैयारी करनी शुरू करो।
(क) “भले शक्ति विज्ञान में है निहित वह
कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा-सी”
आप अमावस्या और पूर्णिमा के बारे में पहले ही पढ़ चुके हैं। क्या आप जानते हैं कि अमावस्या और पूर्णिमा के होने का क्या कारण है?
आप आकाश में रात को चंद्रमा अवश्य देखते होंगे। क्या चंद्रमा प्रतिदिन एक-सा दिखाई देता है? नहीं। चंद्रमा घटता-बढ़ता दिखाई देता है। आइए जानते हैं कि ऐसा कैसे होता है। आप जानते ही हैं कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है जबकि पृथ्वी सूर्य की ।
आप यह भी जानते हैं कि चंद्रमा का अपना कोई प्रकाश नहीं होता। वह सूर्य के प्रकाश से ही चमकता है। लेकिन पृथ्वी के कारण सूर्य के कुछ प्रकाश को चंद्रमा तक जाने में रुकावट आ जाती है। इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जो प्रतिदिन घटती-बढ़ती रहती है। सूरज का जो प्रकाश बिना रुकावट चंद्रमा तक पहुँच जाता है, उसी से चंद्रमा चमकदार दिखता है। इसी छाया और उजले भाग की आकृति में आने वाले परिवर्तन को चंद्रमा की कला कहते हैं।
चंद्रमा की कला धीरे-धीरे बढ़ती रहती है और पूर्णिमा की रात चंद्रमा पूरा ‘दिखने लगता है। इसके बाद कला धीरे-धीरे घटती रहती है और अमावस्या वाली रात चाँद दिखाई नहीं देता। चंद्रमा की कलाओं के घटने के दिनों को ‘कृष्ण पक्ष’ को कहते हैं। ‘कृष्ण’ शब्द का एक अर्थ काला भी है। इसी प्रकार चंद्रमा की कलाओं के बढ़ने के दिनों को ‘शुक्ल पक्ष’ कहते हैं। ‘शुक्ल’ शब्द का एक अर्थ ‘उजला’ भी है।
उत्तर: अमावस्या और पूर्णिमा चंद्रमा के दो महत्वपूर्ण चरण हैं। अमावस्या वह समय है जब चंद्रमा का कोई भाग दिखाई नहीं देता, और पूर्णिमा वह समय है जब चंद्रमा पूरी तरह से प्रकाशित होता है। इन दोनों स्थितियों के बीच कई चरण होते हैं, जो प्रकृति के अद्भुत चक्र का हिस्सा हैं।
इसका यह अर्थ है कि जीवन में अंधकार (अमावस्या) और प्रकाश (पूर्णिमा) दोनों का होना स्वाभाविक है। अमावस्या हमें जीवन में संघर्ष और धैर्य का महत्व सिखाती है, जबकि पूर्णिमा यह सिखाती है कि हर कठिनाई के बाद उजाला आता है। यह चंद्रमा की सुंदरता और जीवन के संघर्षों को दर्शाता है।
(ख) अब नीचे दिए गए चित्र में अमावस्या, पूर्णिमा, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को पहचानिए और ये नाम उपयुक्त स्थानों पर लिखिए—
(यदि पहचानने में कठिनाई हो तो आप अपने शिक्षक, परिजनों या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।)
उत्तर:
चित्र में पहचान:
(क) दिए गए महीने में कुल कितने दिन हैं?
उत्तर: इस महीने में कुल 31 दिन हैं।
(ख) पूर्णिमा और अमावस्या किस तारीख और वार को पड़ रही है?
उत्तर: पूर्णिमा 6 तारीख को और अमावस्या 21 तारीख को पड़ रही है।
(ग) कृष्ण पक्ष की सप्तमी और शुक्ल पक्ष की सप्तमी में कितने दिनों का अंतर है?
उत्तर: कृष्ण पक्ष की सप्तमी 14 तारीख को और शुक्ल पक्ष की सप्तमी 28 तारीख को है। दोनों में 14 दिनों का अंतर है।
(घ) इस महीने में कृष्ण पक्ष में कुल कितने दिन हैं?
उत्तर: कृष्ण पक्ष में कुल 15 दिन हैं।
(ङ) ‘बसंत पंचमी’ की तारीख बताइए।
उत्तर: बसंत पंचमी 26 तारीख को है।
"समय साक्षी है कि जलते हुए दीप
अनगिन तम्हारे पवन ने बुझाए ।"
‘पवन’ शब्द का अर्थ है हवा ।
नीचे एक अक्षर – जाल दिया गया है। इसमें ‘पवन’ के लिए उपयोग किए जाने वाले अलग-अलग नाम या शब्द छिपे हैं। आपको उन्हें खोजकर उन पर घेरा बनाना है, जैसा एक हमने पहले से बना दिया है। देखते हैं, आप कितने सही नाम या शब्द खोज पाते हैं।उत्तर:
पवन, मारुत, बयार, समीर, हवा, वायु, वात, अनिल ।
कविता संबंधित कुछ रचनाएँ दी गई हैं, इन्हें पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।
उत्तर: यह पंक्ति हमें एकता और समरसता का संदेश देती है। इसमें यह बताया गया है कि हम सभी एक बगीचे के फूलों की तरह हैं, जो एक साथ मिलकर अपनी सुंदरता और सुगंध से दुनिया को बेहतर बनाते हैं।
यह कविताएं चाँद के बदलते रूपों का वर्णन करती हैं। इनमें बताया गया है कि चंद्रमा अमावस्या से पूर्णिमा तक और फिर पूर्णिमा से अमावस्या तक अपने विभिन्न रूपों को दिखाता है। यह प्रकृति की अनोखी प्रक्रिया का परिचय कराती हैं, जो हमारे जीवन के उतार-चढ़ाव को दर्शाती है।
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1. कविता "जलाते चलो" का मुख्य विषय क्या है ? | ![]() |
2. इस कविता में प्रतीकों का क्या महत्व है ? | ![]() |
3. "जलाते चलो" कविता के लेखन का उद्देश्य क्या है ? | ![]() |
4. इस कविता में विचार विमर्श का क्या स्थान है ? | ![]() |
5. कविता "जलाते चलो" का संदेश किस प्रकार से आम जीवन में लागू किया जा सकता है ? | ![]() |