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All questions of DSSSB PGT Physics Mock Test Series for DSSSB TGT/PGT/PRT Exam

निर्देशः नीचे दिए गए अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें एवं उस पर आधारित प्रश्न के उत्तर दें।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है। लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए। भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेंक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झ़ुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे। वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है। मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता है। ये दल धन के. बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य-अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए। न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।
Q. लेखक ने 'दूध का धुला न होना' किसे कहा है?-सा है?
  • a)
    मीडिया से सम्बन्धित लोगों को
  • b)
    चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल को
  • c)
    सत्ताधारी और बड़े राजनीतिक दलों को
  • d)
    संसद और न्यायालय को
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

Explanation:

Identifying the Question Type:
The question is asking for the correct answer among the options provided for a specific statement or scenario.

Evaluating the Options:
In this case, the correct answer is option 'A' based on the statement provided in the question.

Understanding the Statement:
The statement mentions a question being asked, followed by some context related to the question. It then asks for the correct option among the choices provided.

Applying Logical Reasoning:
To determine the correct answer, we need to carefully read and analyze the statement given in the question. In this case, option 'A' is the suitable choice based on the information provided.

Final Answer:
Therefore, the correct answer to the question is option 'A'. It aligns with the statement and context provided in the question.

'जो ममत्व से रहित हो' वाक्यांश के लिए कौन सा शब्द उपयुक्त है?
  • a)
    निरुपम
  • b)
    निर्मम
  • c)
    निर्णायक
  • d)
    निष्काम
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

Saanvi Nair answered
Explanation:

Given Information:
The question asks which option is the correct answer.

Analysis of Options:
a) Option A
b) Option B
c) Option C
d) Option D

Correct Answer:
The correct answer is option B.

Reasoning:
In multiple-choice questions, it is important to carefully read and analyze the question. In this case, the correct answer is option B, which is the one that corresponds to the correct solution. It is essential to pay attention to details and eliminate any options that do not align with the given information. In this question, option B is the most suitable choice based on the provided data.
Therefore, the correct answer to the question is option B.

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निम्न प्रश्न का उत्तर दें।
संसार में सबसे मूल्यावान वस्तु समय है क्योंकि दुनिया की अधिकांश वस्तुओं को घटाया-बढ़ाया जा सकता है, पर समय का एक क्षण भी बढ़ा पाना व्यक्ति के बस में नहीं है। समय के बीत जाने पर व्यक्ति के पास पछतावे के अलावा कुछ नहीं होता। विद्यार्थी के लिए तो समय का और भी अधिक महत्त्व है। विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य है शिक्षा प्राप्त करना। समय के उपयोग से ही शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। जो विद्यार्थी अपना बहुमूल्य समय खेल-कूद, मौज-मस्ती तथा आलस्य में खो देते हैं वे जीवन भर पछताते रहते हैं, क्योंकि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं और जीवन में उन्नति नहीं कर पाते। मनुष्य का कर्तव्य है कि जो क्षण बीत गए हैं, उनकी चिंता करने के बजाय जो अब हमारे सामने हैं, उसका सदुपयोग करें।
Q. उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार संसार में सबसे मूल्यवान वस्तु क्या है?
  • a)
    समय
  • b)
    वस्तु
  • c)
    विद्यार्थी
  • d)
    आलस्य
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार संसार में सबसे मूल्यवान वस्तु समय है।
क्योंकि दुनिया की अधिकांश वस्तुओं को घटाया-बढ़ाया जा सकता है, पर समय का एक क्षण भी बढ़ा पाना व्यक्ति के बस में नहीं है।

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निम्न प्रश्न का उत्तर दें:
हमारे बाल्यकाल के संस्कार ही जीवन का ध्येय निर्धारित करते हैं, अतः यदि शैशव में हमारी संतान ऐसे ‘व्यक्तियों की छाया में ज्ञान प्राप्त करेगी, जिनमें चरित्र तथा सिद्धांत की विशेषता नहीं है, जिनमें संस्कारजनित अनेक दोष हैं, तो फिर विद्यार्थियों के चरित्र पर भी उसी की छाप पड़ेगी और भविष्य में उनके ध्येय भी उसी के अनुसार स्वार्थमय तथा अस्थिर होंगे। शिक्षा एक ऐसा कर्तव्य नहीं है जो किसी पुस्तक को प्रथम पृष्ठ से अंतिम पृष्ठ तक पढ़ाने से ही पूर्ण हो जाता हो, वरन् वह ऐसा कर्तव्य है जिसकी परिधि सारे जीवन को घेरे हुए है और पुस्तकें ऐसे साँचे हैं जिनमें ढालकर उसे सुडौल बनाया जा सकता है।
यह वास्तव में आश्चर्य का विषय है कि हम अपने साधारण कार्यों के लिए करने वालों में जो योग्यता देखते हैं, वैसी योग्यता भी शिक्षकों में नहीं ढूँढ़ते। जो हमारी बालिकाओं, भविष्य की माताओं का निर्माण करेंगे उनके प्रति हमारी उदासीनता को अक्षम्य ही कहना चाहिए। देश-विशेष, समाज-विशेष तथा संस्कृति-विशेष के अनुसार किसी के मानसिक विकास के साधन और सुविधाएँ उपस्थित करते हुए उसे विस्तृत संसार का ऐसा ज्ञान करा देना ही शिक्षा है, जिससे वह अपने जीवन में सामंजस्य का अनुभव कर सके और उसे अपने क्षेत्र-विशेष के साथ ही बाहर भी उपयोगी बना सके। यह महत्त्वपूर्ण कार्य ऐसा नहीं है जिसे किसी विशिष्ट संस्कृति से अनभिज्ञ चंचल चित्त और शिथिल चरित्र वाले व्यक्ति सुचारु रूप से संपादित कर सकें।
Q. हमारे जीवन का ध्येय कौन निर्धारित करते हैं?
  • a)
    हमारी संतान
  • b)
    बाल्यकाल के संस्कार
  • c)
    पुस्तकें
  • d)
    चरित्र
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

Mohini Joshi answered


Explanation:

Identifying the question:
The question is asking to determine the correct punctuation mark to use at the end of the sentence.

Understanding the options:
a)
b)
c)
d)

Identifying the correct answer:
The sentence provided in the question seems to be asking a question, which should end with a question mark. Among the given options, option 'B' is a question mark, which is the correct punctuation mark to use in this context.

Therefore, the correct answer is option 'B'.

Final Answer:
The correct answer is option 'B', which is a question mark.

वे प्रत्यय जो क्रिया में जुड़े होते हैं उन्हें कहते हैं-
  • a)
    कृदंत प्रत्यय
  • b)
    तद्धित प्रत्यय
  • c)
    (A) व (B) दोनों
  • d)
    उपरोक्त कोई नहीं
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

वे प्रत्यय जो क्रिया में जुड़े होते हैं उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जो प्रत्यय धातुओं को छोड़कर अन्य सभी शब्दों (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि) के अंत में जोड़े जाते है। उन्हें तद्धित प्रत्यय (तद्धितांत प्रत्यय) प्रत्यय भी कहते हैं।

'शुभागमन' में कौन सा समास है?
  • a)
    तत्पुरुष समास
  • b)
    कर्मधारय समास
  • c)
    बहुब्रीहि समास
  • d)
    द्वन्द समास
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

शुभागमन का समास विग्रह है- शुभ है जो आगमन। इसमें कर्मधारय समास है।
वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान – उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है, कर्मधारय समास कहलाता है।

दिए गए शब्द का समानार्थी शब्द बताइए।
जातिच्युत
  • a)
    भूगर्भशास्त्री
  • b)
    जिगीष
  • c)
    मुमूर्षा
  • d)
    जाति बहिष्कृत
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

‘जातिच्युत’ अर्थात जाति से निष्कासित।
‘जाति बहिष्कृत’ अर्थात जाति से निष्कासित।
‘भूगर्भशास्त्री’ अर्थात जिसको भूमि के अंदर की जानकारी हो।
‘जिगीष’ अर्थात किसी की जीतने की चाह।
‘मुमूर्षा’ अर्थात मर जाने की इच्छा।

इनमें से कौन सा शब्द पुंलिंग है?
  • a)
    गिलास
  • b)
    अदालत
  • c)
    (A) और (B) दोनों
  • d)
    इनमें से कोई नहीं
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

गिलास शब्द पुल्लिंग है। संज्ञा के शब्दों से पुरुष जाति का पता चलता है, उसे पुल्लिंग कहते हैं। जैसे – पिता, राजा, घोड़ा, कुत्ता, आदमी, शिव, हनुमान, शेर, सेठ, मकान आदि।

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें तथा दिए गए प्रश्न का सही उत्तर दें:
देश में पांचवें लॉकडाउन का लागू होना उतना ही जरूरी हो गया था, जितना लॉकडाउन में ढील देना। कड़ाई और ढील की मिली-जुली व्यवस्था ही समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में भी इसी मजबूरी की ओर संकेत करते हुए चेताया है कि देश खुल गया है, अब ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। वाकई सतर्कता आज प्राथमिकता है, तभी हम न केवल अपने कार्य-व्यापार को आगे बढ़़ा पाएंगे, स्वयं को सुरक्षित रखने में भी कामयाब होंगे। जाहिर है, लॉकडाउन पांच पिछले लॉकडाउन की तरह नहीं है। अब केवल कंटेनमेंट जोन में ही लॉकडाउन रखना अनिवार्य होगा। साथ ही, इस बार राज्यों की भूमिका वाकई बहुत बढ़ गई है। उन्हें अपने स्तर पर बड़े फैसले करने हैं। मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार इत्यादि राज्यों ने तो लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ाने का फैसला कर लिया है। कुछ राज्य 15 जून तक ही लॉकडाउन के पक्ष में हैं। आज कुछ राज्य ज्यादा चिंतित हैं, तो समझा जा सकता है। पिछले लॉकडाउन की अगर हम चर्चा करें, तो 14 दिनों में ही संक्रमण के लगभग 86 हजार मामले सामने आए हैं। आंकड़ों को अलग से देखें, तो चिंता होती है, लेकिन दूसरे देशों से तुलना करें, तो अपेक्षाकृत संतोष होता है। हमारा यह संतोष कायम रहना चाहिए।
यह चर्चा जारी रहेगी कि जब देश में 500 मामले भी नहीं थे, तब बहुत कड़ाई से लॉकडाउन लगाया गया था, लेकिन जब मामले दो लाख के करीब पहुंचने लगे हैं, तब अपने पास के लोगों लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। जब केंद्र और राज्य सरकारें ढील पर विचार कर रही थीं, तब 30 मई को संक्रमण के मामलों में रिकॉर्ड इजाफा दर्ज हुआ है। अब एक दिन में ৪,000 से ज्यादा मामले आने लगे हैं, तो आने वाले दिनों में क्या होगा? मरने वालों की संख्या भी 5,000 के पार जा चुकी है। ऐसे में, जब धर्मस्थल, रेस्तरां, होटल, शॉपिंग मॉल, स्कूल-कॉलेज खुल जाएंगे, तब क्या होगा? जब सड़कों पर सार्वजनिक वाहन दौड़ने लगेंगे, फिर क्या होगा? धर्म और शिक्षा के मंदिर देश में हमेशा से भीड़ भरे रहे हैं। ये हमारे समाज के सबसे कमजोर मोर्चे हैं, जहां संचालकों-प्रबंधकों को विशेष रूप से चौकस रहना होगा। धर्मस्थल के संचालकों की ओर से आ रहे दबाव को समझा जा सकता है, पर वहां फिजिकल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित रखना अच्छे संस्कार, सभ्यता की नई निशानी होगी। धर्म प्रेरित मानवता भी हमें एक-दूसरे की चिंता के लिए प्रेरित करती है। हम सभी न चाहते हुए भी एक-दूसरे को प्रभावित करते रहते हैं। कोरोना के संदर्भ में अनेक लोगों को अब यह नहीं पता चल रहा है कि उन्हें कोरोना किससे लगा? घर से निकलने वाला एक आदमी अगर अनेक लोगों के संपर्क में आएगा, तो यह पता लगाना उत्तरोतर कठिन होता जाएगा कि कोरोना की कौन-सी श्रृंखला आगे बढ़ रही है। लॉकडाउन पांच के समय देश ऐसी अनेक तरह की नई चुनौतियों की ओर बढ़ रहा है। संदिग्ध लोगों की निगरानी का काम हाथ-पैर फुला देगा। बेशक, अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार हम देखेंगे और देश के लोगों को राहत देने के लिए यह अपरिहार्य है। ध्यान रहे, हर जगह पुलिस या सरकार खड़ी नहीं हो सकती, हमें स्वयं अनुशासित नागरिक बनकर अपनी और अपने पास के लोगों की पहरेदारी करनी है।
Q. देश मे पाँचवे लॉकडाउन के बाद किन-किन चुनौतियों का सामना करना होगा?
  • a)
    सार्वजनिक स्थलों के खुलने के बाद भीड़भाड़ की स्थिति से निपटना
  • b)
    सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करवाना
  • c)
    लोगों को जागरूक करना
  • d)
    उपरोक्त सभी
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

Explanation:

Given Information:
- Total number of students in the college: 500
- Number of students who failed in Mathematics: 30
- Number of students who failed in Physics: 15
- Number of students who failed in both Mathematics and Physics: 14
- Number of students who failed in either Mathematics or Physics: 86

Calculation:
To find the number of students who failed in both Mathematics and Physics, we can use the principle of inclusion and exclusion:
Total = Mathematics failures + Physics failures - (Mathematics and Physics failures) + (Mathematics or Physics failures)
86 = 30 + 15 - 14 + (Mathematics or Physics failures)
86 = 31 + Mathematics or Physics failures
Mathematics or Physics failures = 86 - 31
Mathematics or Physics failures = 55

Final Answer:
The number of students who failed in either Mathematics or Physics is 55.

"पथभ्रष्ट" में कौन सा समास है?
  • a)
    अव्ययीभाव
  • b)
    द्वन्द्व
  • c)
    तत्पुरुष
  • d)
    कर्मधारय
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

"पथभ्रष्ट" में तत्पुरुष समास है।
जिस समास में उत्तर पद प्रधान हो तथा दोनों पदों के मध्य का कारक चिन्ह लुप्त हो जाए तब वहाँ पर तत्पुरुष समास होता है।

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें तथा दिए गए प्रश्न का सही उत्तर दें:
देश में पांचवें लॉकडाउन का लागू होना उतना ही जरूरी हो गया था, जितना लॉकडाउन में ढील देना। कड़ाई और ढील की मिली-जुली व्यवस्था ही समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में भी इसी मजबूरी की ओर संकेत करते हुए चेताया है कि देश खुल गया है, अब ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। वाकई सतर्कता आज प्राथमिकता है, तभी हम न केवल अपने कार्य-व्यापार को आगे बढ़़ा पाएंगे, स्वयं को सुरक्षित रखने में भी कामयाब होंगे। जाहिर है, लॉकडाउन पांच पिछले लॉकडाउन की तरह नहीं है। अब केवल कंटेनमेंट जोन में ही लॉकडाउन रखना अनिवार्य होगा। साथ ही, इस बार राज्यों की भूमिका वाकई बहुत बढ़ गई है। उन्हें अपने स्तर पर बड़े फैसले करने हैं। मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार इत्यादि राज्यों ने तो लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ाने का फैसला कर लिया है। कुछ राज्य 15 जून तक ही लॉकडाउन के पक्ष में हैं। आज कुछ राज्य ज्यादा चिंतित हैं, तो समझा जा सकता है। पिछले लॉकडाउन की अगर हम चर्चा करें, तो 14 दिनों में ही संक्रमण के लगभग 86 हजार मामले सामने आए हैं। आंकड़ों को अलग से देखें, तो चिंता होती है, लेकिन दूसरे देशों से तुलना करें, तो अपेक्षाकृत संतोष होता है। हमारा यह संतोष कायम रहना चाहिए।
यह चर्चा जारी रहेगी कि जब देश में 500 मामले भी नहीं थे, तब बहुत कड़ाई से लॉकडाउन लगाया गया था, लेकिन जब मामले दो लाख के करीब पहुंचने लगे हैं, तब अपने पास के लोगों लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। जब केंद्र और राज्य सरकारें ढील पर विचार कर रही थीं, तब 30 मई को संक्रमण के मामलों में रिकॉर्ड इजाफा दर्ज हुआ है। अब एक दिन में ৪,000 से ज्यादा मामले आने लगे हैं, तो आने वाले दिनों में क्या होगा? मरने वालों की संख्या भी 5,000 के पार जा चुकी है। ऐसे में, जब धर्मस्थल, रेस्तरां, होटल, शॉपिंग मॉल, स्कूल-कॉलेज खुल जाएंगे, तब क्या होगा? जब सड़कों पर सार्वजनिक वाहन दौड़ने लगेंगे, फिर क्या होगा? धर्म और शिक्षा के मंदिर देश में हमेशा से भीड़ भरे रहे हैं। ये हमारे समाज के सबसे कमजोर मोर्चे हैं, जहां संचालकों-प्रबंधकों को विशेष रूप से चौकस रहना होगा। धर्मस्थल के संचालकों की ओर से आ रहे दबाव को समझा जा सकता है, पर वहां फिजिकल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित रखना अच्छे संस्कार, सभ्यता की नई निशानी होगी। धर्म प्रेरित मानवता भी हमें एक-दूसरे की चिंता के लिए प्रेरित करती है। हम सभी न चाहते हुए भी एक-दूसरे को प्रभावित करते रहते हैं। कोरोना के संदर्भ में अनेक लोगों को अब यह नहीं पता चल रहा है कि उन्हें कोरोना किससे लगा? घर से निकलने वाला एक आदमी अगर अनेक लोगों के संपर्क में आएगा, तो यह पता लगाना उत्तरोतर कठिन होता जाएगा कि कोरोना की कौन-सी श्रृंखला आगे बढ़ रही है। लॉकडाउन पांच के समय देश ऐसी अनेक तरह की नई चुनौतियों की ओर बढ़ रहा है। संदिग्ध लोगों की निगरानी का काम हाथ-पैर फुला देगा। बेशक, अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार हम देखेंगे और देश के लोगों को राहत देने के लिए यह अपरिहार्य है। ध्यान रहे, हर जगह पुलिस या सरकार खड़ी नहीं हो सकती, हमें स्वयं अनुशासित नागरिक बनकर अपनी और अपने पास के लोगों की पहरेदारी करनी है।
Q. ’अच्छे संस्कार तथा सभ्यता की निशानी होगी’ ये कथन किन चीज़ो को जहन मे रखते हुये कहा गया है?
  • a)
    सही ढंग से जीवनयापन करना
  • b)
    सफलता की ओर अग्रसर होना
  • c)
    सोशल डिस्टेंसिंग तथा साफ-सफाई पर ध्यान देना
  • d)
    बड़ों की सहायता करना
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

दिए गए गद्यांश के अनुसार, स्वास्थ्य के नजरिये से जब तक महामारी को रोकने का सही प्रतिबंध नही हो जाता तब तक हमें खुद तथा दुसरे को भी गन्दगी तथा भीड़ से बचाना है यही एक अच्छे संस्कार तथा सभ्यता का सटिक उदाहरण होगा। अतः सोशल डिस्टेंसिंग तथा साफ़-सफाई बहुत जरुरी है।

निर्देशः नीचे दिए गए अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें एवं उस पर आधारित प्रश्न के उत्तर दें।
शिक्षा जीवन के सर्वांगीण विकास हेतु अनिवार्य है। शिक्षा के बिना मनुष्य विवेकशील और शिष्ट नहीं बन सकता। विवेक से मनुष्य में सही और गलत का चयन करने की क्षमता उत्पन्न होती है। विवेक से ही मनुष्य के भीतर उसके चहुँ ओर नित्य प्रति होते घटनाक्रमों के प्रति एक छिद्रान्वेषी दृष्टिकोण उत्पन्न होता है। शिक्षा ही मानव को मानव के प्रति मानवीय भावनाओं से पोषित करती है। शिक्षा से मनुष्य अपने परिवेश के प्रति जाग्रत होकर कर्तव्यविमुख हो जाता है। 'स्व' से 'पर' की ओर अग्रसर होने लगता है। निर्बल की सहायता करना, दुखियों के दु:ख दूर करने का प्रयास करना, दूसरों के दुःख से दु:खी हो जाना और दूसरों के सुख से स्वयं सुख का अनुभव करना जैसी बातें एक शिक्षित मानव में सरलता से देखने को मिल जाती हैं। इतिहास, साहित्य, राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र इत्यादि पढ़कर विद्यार्थी विद्वान् ही नहीं बनता वरन् उसमें एक विशिष्ट जीवन दृष्टि, रचनात्मकता और परिपक्वता का सृजन भी होता है। शिक्षित सामाजिक परिवेश में व्यक्ति अशिक्षित सामाजिक परिवेश की तुलना में सदैव ही उच्च स्तर पर जीवन यापन करता है।
परन्तु आज शिक्षा का अर्थ बदल रहा है। शिक्षा भौतिक आकांक्षा की साध्य बनती जा रही है। व्यावसायिक शिक्षा के अन्धानुकरण में छात्र सैद्धान्तिक शिक्षा से दूर होते जा रहे हैं। रूस की क्रान्ति, फ्रांस की क्रान्ति, अमेरिकी क्रान्ति, समाजवाद, पूँजीवाद, राजनीतिक व्यवस्था, सांस्कृतिक मूल्यों आदि की सामान्य जानकारी भी व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को नहीं है। यह शिक्षा का विशुद्ध रोजगारकरण है। शिक्षा के प्रति इस प्रकार का संकुचित दृष्टिकोण अपनाकर विवेकशील नांगरिकों का निर्माण नहीं किया जा सकता। भारत जैसे विकासशील देश में शिक्षा रोजगार का साधन न होकर साध्य हो गई है। इस कुप्रवृत्ति पर अंकुश लगाना अनिवार्य है। जहाँ मानविकी के छात्रों को पत्रकारिता, साहित्य-सृजन, विज्ञापन, जनसम्पर्क इत्यादि कोर्स भी कराए जाने चाहिए ताकि उन्हें रोजगार के लिए न भटकना पड़े, वहीं व्यावसायिक कोर्स करने वाले छात्रों को मानविकी के विषय; जैसे-इतिहास, साहित्य, राजनीतिशास्त्र व दर्शन आदि का थोड़ा बहुत अध्ययन अवश्य कराना चाहिए ताकि समाज को विवेकशील नागरिक प्राप्त होते रहें, तभी समाज में सन्तुलन बना रहेगा।
Q. शिक्षा से मनुष्य स्व' से 'पर' की ओर अभिगमन करने लगता है, क्यों?
  • a)
    शिक्षा मनुष्य को संवेदनशील बनाती है
  • b)
    शिक्षा से मनुष्य में सेवा भाव उत्पन्न होता है
  • c)
    शिक्षा मनुष्य को कर्त्तव्यपरायण बनाती है
  • d)
    शिक्षा मनुष्य में मानवीय भाव भरती है
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

प्रस्तुत गद्यांश के अनुसार, “शिक्षा से मनुष्य अपने परिवेश के प्रति जाग्रत होकर कर्तव्यविमुख हो जाता है। 'स्व' से 'पर' की ओर अग्रसर होने लगता है। निर्बल की सहायता करना, दुखियों के दु:ख दूर करने का प्रयास करना, दूसरों के दुःख से दु:खी हो जाना और दूसरों के सुख से स्वयं सुख का अनुभव करना जैसी बातें एक शिक्षित मानव में सरलता से देखने को मिल जाती हैं।”
शिक्षा से मनुष्य स्व' से 'पर' की ओर अभिगमन करने लगता है, क्योंकि उसमें कर्त्वयपरायणता का बोध जागृत होता है।
अतः सही विकल्प (C) है।

"वन शारदी चन्द्रिका-चादर ओढ़े" में कौन - सा अलंकार है?
  • a)
    अनुप्रास अलंकार
  • b)
    रूपक अलंकार
  • c)
    उत्प्रेक्षा अलंकार
  • d)
    यमक अलंकार
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

जब उपमेय और उपमान में कोई अंतर नहीं दर्शाया जाता है तो वहां रूपक अलंकार होता है। "वन शारदी चन्द्रिका-चादर ओढ़े" में रूपक अलंकार है। यहाँ 'चन्द्रिका' उपमेय है और 'चादर' उपमान है, यहाँ उपमेय और उपमान में अभिन्नता बताई गयी है। क्योंकि उपर्युक्त पंक्ति में चन्द्रमा की रोशनी को चादर के जैसा न बताकर चादर ही बताया गया है।

‘जिसे बुलाया न गया हो’, इस वाक्यांश के लिए एक शब्द का चयन कीजिए, जो अर्थ की दृष्टि से समान है।
  • a)
    अपरिमेय
  • b)
    अप्रत्याशित
  • c)
    अनवगत
  • d)
    अनाहूत
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

  • अनाहूत – जिसे बुलाया न गया हो।
  • अपरिमेय – जिसका परिमाण जाना न जा सके।
  • अप्रत्याशित – जिसकी पहले से आशा न की गई हो।
  • अनवगत – जो जाना न गया हो, जो अवगत न हो। 

निम्नलिखित विकल्पों में विसर्ग सन्धि का उदाहरण है-
  • a)
    ह्रदयानन्द
  • b)
    हरिश्चन्द्र
  • c)
    ज्ञानोपदेश
  • d)
    महीश
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

हरिश्चन्द्र = हरिः + चन्द्र
हरिश्चन्द्र विसर्ग सन्धि का उदाहरण है। 
जहाँ विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। वहाँ विसर्ग सन्धि होती है। 

गलत विलोम युग्म छाँटिए:
  • a)
    आकर्षण-विकर्षण
  • b)
    वैकल्पिक-ऐच्छिक
  • c)
    आभ्यंतर-बाह्य
  • d)
    आग्रह-दुराग्रह
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

  • वैकल्पिक-ऐच्छिक का जो विलोम युग्म है, वह यहाँ गलत है। 
  • वैकल्पिक का सही विलोम- अनिवार्य (युग्म: वैकल्पिक-अनिवार्य)
  • ऐच्छिक का सही विलोम- अनैच्छिक (युग्म: ऐच्छिक-अनैच्छिक)

निम्न में से प्रत्यय रहित शब्द हैः
  • a)
    दर्शनीय
  • b)
    दुर्गुण
  • c)
    भिक्षुक
  • d)
    कर्त्तव्य
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

  • दुर्गुण, प्रत्यय रहित शब्द है।
  • दुर्गुण शब्द में उपसर्ग है।
  • दुर् + गुण = दुर्गुण
उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं।

दिए गए शब्द का विलोम चुनें।
साध्य
  • a)
    असाध्य
  • b)
    रोगी
  • c)
    वैद्य
  • d)
    संध्या
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

साध्य शब्द का विलोम असाध्य होता है।
साध्य का अर्थ - साधन के योग्य
असाध्य का अर्थ - जो साधने योग्य न हो
जो शब्द किसी दूसरे शब्द का उल्टा अर्थ बताते हैं, उन्हें विलोम शब्द या विपरीतार्थक शब्द कहते है।
जैसे-  आय- व्यय, आजादी-गुलाम, नवीन- प्राचीन

‘अंधे के हाँथ बटेर लगना’, लोकोक्ति के सही अर्थ का चयन दिए गए विकल्पों में से कीजिए:
  • a)
    अंधा भी अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है
  • b)
    अंधेरे में कोई चीज मिल जाना
  • c)
    अपात्र को सफलता मिल जाना
  • d)
    शेयरों में भारी लाभ होना
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

अंधे के हाथ बटेर लगना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
जिसका अर्थ है- बिना प्रयास बड़ी चीज पा लेना, अयोग्य व्यक्ति को कोई कीमती वस्तु मिल जाना।

'कली' शब्द का बहुवचन रूप होगा:
  • a)
    कलिएँ
  • b)
    कलियों
  • c)
    कलियाँ
  • d)
    कलीना
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

"कली" शब्द का बहुवचन रूप "कलियाँ" होगा।
कली: कलियाँ
बहुवचन
शब्द के जिस रूप से अनेकता का बोध हो उसे बहुवचन कहते हैं। 
जैसे-लड़के, गायें, कपड़े, टोपियाँ, मालाएँ, माताएँ, पुस्तकें, वधुएँ, गुरुजन, रोटियाँ, स्त्रियाँ, लताएँ, बेटे आदि।

"तू" सर्वनाम शब्द का प्रयोग किस क्रम में नहीं होगा?
  • a)
    समिता
  • b)
    आत्मीयता 
  • c)
    अपमान 
  • d)
    संबंध बताने
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

"तू" शब्द का प्रयोग संबंध बताने के लिए नहीं किया जाएगा।
"तू" मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम शब्द है।
मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम:
ऐसा सर्वनाम  जहां वक्ता श्रोता के लिए करे, उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। 
उदाहरण: तू, तुम, तुझे, तुम्हारा आदि।

निर्देशः नीचे दिए गए अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें एवं उस पर आधारित प्रश्न के उत्तर दें।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है। लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए। भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेंक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झ़ुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे। वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है। मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता है। ये दल धन के. बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य-अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए। न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।
Q. उपरोक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक बताइएः
  • a)
    चुनाव पूर्व सर्वेक्षण
  • b)
    चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल
  • c)
    चुनाव प्रक्रिया
  • d)
    लोकतन्त्र और चुनाव सर्वेक्षण
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

उपरोक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल होगा।

"जठराग्नि" शब्द का क्या अर्थ है?
  • a)
    वन की आग
  • b)
    घर की आग
  • c)
    जल की आग
  • d)
    पेट की आग
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

जठराग्नि शब्द का सही अर्थ - पेट की आग होता है अन्य विकल्प जठराग्नि शब्द के सही अर्थ नहीं है। 

निम्नलिखित शब्दों में स्त्रीलिंग का चयन कीजिए।
  • a)
    सुशिल
  • b)
    सुशीला
  • c)
    हेमन्त
  • d)
    चाचा
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

सुशीला स्त्रीलिंग शब्द है। स्त्रीलिंग शब्द है जैसे- प्रार्थना, वेदना, प्रस्तावना, रचना, घटना इत्यादि। (इ) उकारान्त संज्ञाएँ। जैसे- वायु, रेणु, रज्जु, जानु, मृत्यु, आयु, वस्तु, धातु इत्यादि। अपवाद- मधु, अश्रु, तालु, मेरु, हेतु, सेतु इत्यादि।

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निम्न प्रश्न का उत्तर दें:
हमारे बाल्यकाल के संस्कार ही जीवन का ध्येय निर्धारित करते हैं, अतः यदि शैशव में हमारी संतान ऐसे ‘व्यक्तियों की छाया में ज्ञान प्राप्त करेगी, जिनमें चरित्र तथा सिद्धांत की विशेषता नहीं है, जिनमें संस्कारजनित अनेक दोष हैं, तो फिर विद्यार्थियों के चरित्र पर भी उसी की छाप पड़ेगी और भविष्य में उनके ध्येय भी उसी के अनुसार स्वार्थमय तथा अस्थिर होंगे। शिक्षा एक ऐसा कर्तव्य नहीं है जो किसी पुस्तक को प्रथम पृष्ठ से अंतिम पृष्ठ तक पढ़ाने से ही पूर्ण हो जाता हो, वरन् वह ऐसा कर्तव्य है जिसकी परिधि सारे जीवन को घेरे हुए है और पुस्तकें ऐसे साँचे हैं जिनमें ढालकर उसे सुडौल बनाया जा सकता है।
यह वास्तव में आश्चर्य का विषय है कि हम अपने साधारण कार्यों के लिए करने वालों में जो योग्यता देखते हैं, वैसी योग्यता भी शिक्षकों में नहीं ढूँढ़ते। जो हमारी बालिकाओं, भविष्य की माताओं का निर्माण करेंगे उनके प्रति हमारी उदासीनता को अक्षम्य ही कहना चाहिए। देश-विशेष, समाज-विशेष तथा संस्कृति-विशेष के अनुसार किसी के मानसिक विकास के साधन और सुविधाएँ उपस्थित करते हुए उसे विस्तृत संसार का ऐसा ज्ञान करा देना ही शिक्षा है, जिससे वह अपने जीवन में सामंजस्य का अनुभव कर सके और उसे अपने क्षेत्र-विशेष के साथ ही बाहर भी उपयोगी बना सके। यह महत्त्वपूर्ण कार्य ऐसा नहीं है जिसे किसी विशिष्ट संस्कृति से अनभिज्ञ चंचल चित्त और शिथिल चरित्र वाले व्यक्ति सुचारु रूप से संपादित कर सकें।
Q. किसका कर्तव्य जीवन को घेरे रखना है?
  • a)
    संस्कार
  • b)
    संतान
  • c)
    शिक्षा
  • d)
    सिद्धांत
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार शिक्षा का कर्तव्य जीवन को गिरे रखना है।
शिक्षा एक ऐसा कर्तव्य नहीं है जो किसी पुस्तक को प्रथम पृष्ठ से अंतिम पृष्ठ तक पढ़ाने से ही पूर्ण हो जाता हो, वरन् वह ऐसा कर्तव्य है जिसकी परिधि सारे जीवन को घेरे हुए है और पुस्तकें ऐसे साँचे हैं जिनमें ढालकर उसे सुडौल बनाया जा सकता है।

‘उसने कुछ नहीं कहा’ में कौन सा कारक है?
  • a)
    कर्म
  • b)
    अपादान
  • c)
    कर्ता
  • d)
    करण
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

‘उसने कुछ नहीं कहा’ में कर्ता कारक है।
कर्ता कारक
विभक्ति चिन्ह - ने
परिभाषा - जो क्रिया का सम्पादन करे।
वाक्य प्रयोग - मोहन गाँव गया।

'राजलक्ष्मी दौड़ने में तेज है।' वाक्य में कारक है:
  • a)
    संप्रदान कारक
  • b)
    अधिकरण कारक
  • c)
    अपादान कारक
  • d)
    संबंध कारक
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

'राजलक्ष्मी दौड़ने में तेज है।' यह वाक्य 'अधिकरण कारक' का है। 
वाक्य में क्रिया का आधार, आश्रय, समय या शर्त ‘अधिकरण’ कहलाता है।
आधार को ही अधिकरण माना गया है। यह आधार तीन तरह का होता है–स्थानाधार, समयाधार और भावाधार।

मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के 'पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के' पंक्तियों में कौन साअलंकार है ?
  • a)
    उपमा
  • b)
    रूपक
  • c)
    उत्प्रेक्षा
  • d)
    मानवीकरण
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

'पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के' पंक्ति में उपमा अलंकार है। जहाँ किसी वस्तु या व्यक्ति की किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति के समान गुण-धर्म के आधार पर तुलना की जाए या समानता बतायी जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। प्रस्तुत उदाहरण में बादल की तुलना या समानता मेहमान से की गई है। इसलिए यहाँ उपमा अलंकार है।

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और प्रश्न का उत्तर दीजिए।
महिला आरक्षण विधेयक पर हर कोई अपने विचार व्यक्त कर रहा है। कोई इससे सहमत है तो कोई असहमत। लोकतंत्र में सबका अपना विचार हो सकता है, लेकिन इसका अथ यह कदापि नहीं कि हम महिलाओं का विरोध करें। जातिगत आरक्षण जैसे सुधार तो आवश्यकता होने पर बाद में भी किए जा सकते हैं। हर बार विरोध करना घोर वैचारिक पिछड़ापन है। जो दल विभिन्न आधार सुझा रहे हैं, वे अपनी पार्टी में उसको लागू करने के लिए स्वतंत्र है। बार-बार विरोध करने से नीयत पर शक होना जरूरी है। हो-हल्ला करके कई वषों से इस बिल को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं ने भी आज़ादी के लिए पुरुषों के साथ मिलकर संघर्ष किया था। क्या आज़ाद भारत में आज अपने अधिकारों के लिए उन्हें याचना करनी पड़ेगी? बेहतर होगा कि सभी दल इस दिशा में सहयोग करें और सर्वमान्य समाधान निकालें।
Q. जातिगत आरक्षण क्या है?
  • a)
    जाति के आधार पर दिया गया 
  • b)
    किसी भी प्रकार का आरक्षण
  • c)
    महिलाओं का आरक्षण
  • d)
    धर्म के आधार पर आरक्षण
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

जातिगत आरक्षण जाति के आधार पर दिया गया आरक्षण है।

कौन सा शब्द य प्रत्यय से नहीं बना है?
  • a)
    पाथेय
  • b)
    आदित्य
  • c)
    दैत्य
  • d)
    माधुर्य
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

पाथेय शब्द में य प्रत्यय है जो शब्दांश किसी शब्द के बाद लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं और नए अर्थ का बोध कराते हैं उसे प्रत्यय कहते हैं।

'महात्मा' में कौन सा समास है?
  • a)
    तत्पुरुष समास
  • b)
    कर्मधारय समास
  • c)
    बहुव्रीहि समास
  • d)
    अव्ययीभाव समास
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

'महात्मा' में कर्मधारय समास है।
महात्मा – महान है जो आत्मा
जिस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास कहलाता है। 
जैसे- 
कालीमिर्च = जो मिर्च काली है, 
नीलकमल = जो कमल नीला है आदि।

नवल सुन्दर श्याम शरीर में कौन-सा अलंकार है?
  • a)
    उल्लेख
  • b)
    उपमा
  • c)
    रूपक
  • d)
    अतिशयोक्ति
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

उपरोक्त वाक्य मे उल्लेख अलंकार है।
जहां पर एक ही वस्तु का विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अनेक प्रकार से उल्लेख किया जाए, वहां पर उल्लेख अलंकार होता है।

'परोपकार ' शब्द में कौनसा उपसर्ग है?
  • a)
    परो
  • b)
  • c)
    पर
  • d)
    उपकार
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

'पर' यहाँ सही विकल्प है। पर शब्द के प्रयोग से परोपकार शब्द का निर्माण हुआ है। ‘पर’ उपसर्ग से तात्पर्य है ‘दूसरों का’।
अतः विकल्प (A) सही है।

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निम्न प्रश्न का उत्तर दें:
हमारे बाल्यकाल के संस्कार ही जीवन का ध्येय निर्धारित करते हैं, अतः यदि शैशव में हमारी संतान ऐसे ‘व्यक्तियों की छाया में ज्ञान प्राप्त करेगी, जिनमें चरित्र तथा सिद्धांत की विशेषता नहीं है, जिनमें संस्कारजनित अनेक दोष हैं, तो फिर विद्यार्थियों के चरित्र पर भी उसी की छाप पड़ेगी और भविष्य में उनके ध्येय भी उसी के अनुसार स्वार्थमय तथा अस्थिर होंगे। शिक्षा एक ऐसा कर्तव्य नहीं है जो किसी पुस्तक को प्रथम पृष्ठ से अंतिम पृष्ठ तक पढ़ाने से ही पूर्ण हो जाता हो, वरन् वह ऐसा कर्तव्य है जिसकी परिधि सारे जीवन को घेरे हुए है और पुस्तकें ऐसे साँचे हैं जिनमें ढालकर उसे सुडौल बनाया जा सकता है।
यह वास्तव में आश्चर्य का विषय है कि हम अपने साधारण कार्यों के लिए करने वालों में जो योग्यता देखते हैं, वैसी योग्यता भी शिक्षकों में नहीं ढूँढ़ते। जो हमारी बालिकाओं, भविष्य की माताओं का निर्माण करेंगे उनके प्रति हमारी उदासीनता को अक्षम्य ही कहना चाहिए। देश-विशेष, समाज-विशेष तथा संस्कृति-विशेष के अनुसार किसी के मानसिक विकास के साधन और सुविधाएँ उपस्थित करते हुए उसे विस्तृत संसार का ऐसा ज्ञान करा देना ही शिक्षा है, जिससे वह अपने जीवन में सामंजस्य का अनुभव कर सके और उसे अपने क्षेत्र-विशेष के साथ ही बाहर भी उपयोगी बना सके। यह महत्त्वपूर्ण कार्य ऐसा नहीं है जिसे किसी विशिष्ट संस्कृति से अनभिज्ञ चंचल चित्त और शिथिल चरित्र वाले व्यक्ति सुचारु रूप से संपादित कर सकें।
Q. शिक्षकों के प्रति उदासीनता को क्या कहेंगे?
  • a)
    चरित्र
  • b)
    अक्षम्य
  • c)
    संसार
  • d)
    अनभिज्ञ
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार शिक्षकों के प्रति उदासीनता को अक्षम्य में ही कहेंगे।
शिक्षक हमारी बालिकाओं, भविष्य की माताओं का निर्माण करेंगे उनके प्रति हमारी उदासीनता को अक्षम्य ही कहना चाहिए।

'मतैक्य' में कौन सी संधि है?
  • a)
    दीर्घ संधि
  • b)
    यण संधि
  • c)
    गुण संधि
  • d)
    वृद्धि संधि
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

'मतैक्य' का सन्धि विच्छेद 'मत+ऐक्य' है। इसमे वृद्धि सन्धि का प्रयोग हुआ है।
इस संधि को बनाने का नियम 'अ + ऐ = ऐ' है।
वृद्धि संधि स्वर संधि का एक भेद अथवा प्रकार है। जब संधि करते समय अ, आ के साथ ए, ऐ हो तो 'ऐ' बनता है और जब अ, आ के साथ ओ, औ हो तो 'औ' बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं।
अतः सही विकल्प (D) है।

पुरोहित में उपसर्ग है:
  • a)
    पुरस
  • b)
    पुर:
  • c)
    पुरा
  • d)
    पुर
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

पुर: शब्द के प्रयोग से पुरोहित शब्द का निर्माण हुआ है। 'पुरः' संस्कृत का उपसर्ग है जिसका अर्थ है पूर्व।
वह शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व अथवा पहले लगकर उस शब्द का अर्थ बदल देते हैं अथवा उसमें नई विशेषता उत्पन्न कर देते हैं उपसर्ग कहलाते हैं।
उदाहरण: प्र + हार = प्रहार, 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय।

अधिमूल्यन का विलोम शब्द है:
  • a)
    अवमूल्यन
  • b)
    अगवानी
  • c)
    अनाक्रांत
  • d)
    अजेय
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

  • ‘अधिमूल्यन’ अर्थात साधारण मूल्य से अधिक मुल्यवाला।
  • ‘अवमूल्यन’ अर्थात किसी वस्तु के मूल्य के कम होने या घट्ने की अवस्था।
  • ‘अगवानी’ अर्थात आगे बढ़्कर स्वागत करना।
  • ‘अनाक्रांत’ अर्थात जिस पर आक्रमण न किया गया हो।
  • ‘अजेय’ अर्थात जिसे जीता न जा सके।

निम्नलिखित में से कौन सा शब्द “पवन” का पर्यायवाची नहीं है?
  • a)
    मारुत
  • b)
    तुहिन
  • c)
    अनिल
  • d)
    वात
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

मारुत, अनिल, वात, ‘पवन’ के पर्यायवाची शब्द हैं। तुहिन के पर्यायवाची शब्द हैं - ओस, हिम, तुषार।

"बहाव" शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय कौन सा है?
  • a)
    बह
  • b)
    हाव
  • c)
    आव
  • d)
    आवा
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

"बहाव" शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय "आव" है।
प्रत्यय, वह अव्यय है जो किसी शब्द के बाद लगकर शब्द का अर्थ परिवर्तित कर देता है।

सर्वनाम कितनें प्रकार के होते हैं?
  • a)
    3
  • b)
    4
  • c)
    5
  • d)
    6
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

सर्वनाम-संज्ञा के बदले में आनेवाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। जैसे-वह, तुम, मैं, हम, मेरा, उसका, हमलोग आदि।
सर्वनाम 6 प्रकार के होते हैं-
पुरूषवाचक सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, निजवाचक सर्वनाम, संबंधवाचक सर्वनाम और प्रश्नवाचक सर्वनाम।

निर्देश: निम्‍नलिखित गद्यांश को ध्‍यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिये गये बहुविकल्‍पी प्रश्‍न में सही विकल्‍प का चयन करें। 
शिक्षा साध्‍य नहीं है, अपितु साध्‍य तक पहुँचने का एक साधन है। हम बच्‍चों को केवल शिक्षित बनाने के उद्देश्‍य से ही शिक्षा नहीं देते बल्कि हमारा उद्देश्‍य उन्‍हें जीवन के लिए सक्षम बनाना है। ज्‍यों ही हम इस तथ्‍य को जान लेते हैं हम शिक्षा के वास्‍तविक लक्ष्‍य से परिचित हो जाते हैं। बहुत से आधुनिक देशों में यह सोचना फैशन हो गया है कि अमीर-गरीब, चतुर-मूर्ख सबको विद्यालयों नि:शुल्‍क शिक्षा देकर कोई भी समाज अपनी सब समस्‍याएँ सुलझा सकता है और परिपूर्ण राष्‍ट्र का निर्माण कर सकता है परंतु यह काफी नहीं है। ऐसे देशों में हमें अनेक डिग्रीधारी नवयुवक बेरोजगार दिखाई पड़ते हैं, क्‍योंकि वे हाथ से काम करने को हेय दृष्टि से देखने लगते हैं। इस परिप्रेक्ष्‍य में हमें अपनी शिक्षा-व्‍यवस्‍था पर पुनर्विचार करने की बड़ी भारी आवश्‍यकता है। इतना काफी नहीं है कि शिक्षा की तो व्‍यवस्‍था पहले मिले, उसे चुन लिया जाए अथवा अपनी पुरानी शिक्षा व्‍यवस्‍था को चालू रखा जाय, बिना इस बात की परीक्षा किये और देखें कि यह वास्‍तव में उपयुक्‍त है अथवा नहीं।
Q. समाज की सभी समस्‍याएँ दूर की जा सकती हैं।
  • a)
    सभी को शिक्षित कर
  • b)
    समाज का विकास कर
  • c)
    अमीरों को शिक्षित कर
  • d)
    गरीबों को शिक्षित कर
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

सभी को शिक्षित कर समाज की सभी समस्‍याएँ दूर की जा सकती हैं और परिपूर्ण राष्‍ट्र का निर्माण कर सकता है।

दिए गए शब्द का समानार्थी शब्द बताइए।
पराश्रयी
  • a)
    नमनीय
  • b)
    पराश्रित
  • c)
    प्रहरी
  • d)
    थान
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

  • ‘पराश्रयी’ अर्थात जो दुसरे के आश्रय में रहता हो।
  • ‘पराश्रित’ अर्थात जो दुसरे के आश्रय में रहता हो।
  • ‘नमनीय’ अर्थात जो आसानी से झुकाया जा सके।
  • ‘प्रहरी’ अर्थात जो पहरा देने वाला हो।
  • ‘थान’ अर्थात कुछ निश्चित लम्बाई का कपड़ा।

नीचे दिए गए वाक्य का प्रकार बताइये। 
जब तक तम जाओगे नहीं  तब तक वह नहीं आएगा।
  • a)
    संयुक्त
  • b)
    सरल
  • c)
    मिश्र
  • d)
    आज्ञार्थक
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

दो वाक्यों में एक वाकया प्रधान और दूसरा वाक्य गौण हो तथा आपस में (कि, जो, क्योंकि, जितना -उतना, जैसा -वैसा, जब -तब, जहाँ -वहाँ, जिधर -उधर )से जुड़े होते है, "( जब -तब )" मिश्र वाक्य का योजक चिन्ह है। अतः दिया गया वाक्य मिश्र वाक्य है।

निम्नांकित में से किस शब्द में नञ समास है?
  • a)
    जलद
  • b)
    पादप
  • c)
    अनन्त
  • d)
    यथेष्ट
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

नञ समास- जहाँ पहला पद निषेधात्मक हो, वहां नञ समास होता है।
अनंत- जिसका कोई अंत ना हो = न अंत।
अन्य उदहारण - अनिष्ट, अभाव आदि।

दिए गए विकल्पों में से तद्भव शब्द को चुनेंः
  • a)
    केवर्त 
  • b)
    गर्दभ 
  • c)
    घोटक 
  • d)
    गुसाई
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

दिए गए विकल्पों में “गुसाई” तद्भव शब्द है जिसका तत्सम “गोस्वामी” होता है।
अन्य दिए गए तत्सम शब्दो का सही तद्भव है-
केवर्त - केवट
गर्दभ - गधा
घोटक - घोड़ा

‘घ’ व्यंजन का उच्चारण स्थान क्या है?
  • a)
    दन्त्य
  • b)
    ओष्ठ्य
  • c)
    मूर्धन्य
  • d)
    कंठ्य
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

कंठ्य अर्थात जिन व्यंजनों के उच्चारण में जिह्वा कंठ को स्पर्श करता है, कंठ्य व्यंजन कहलाते हैं। ‘घ’ कंठ्य व्यंजन है।

रहिमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।
बारे उजियारै लगै, बढ़ै अंधेरो होय।।
उपर्युक्त पंक्तियों में कौन सा अलंकार है?
  • a)
    उपमा
  • b)
    रुपक
  • c)
    यमक
  • d)
    श्लेष
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

उपर्युक्त पंक्तियों में श्लेष अलंकार है।
  • श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब एक ही शब्द से हमें विभिन्न अर्थ मिलते हों तो उस समय श्लेष अलंकार होता है।
  • यहाँ प्रस्तुत दीप के जलने में अप्रस्तुत बुरे पुत्र का आरोप किया गया है।
  • जिस प्रकार दीपक के जलने की गति से तेल समाप्त हो जाता है उसी प्रकार एक बुरा पुत्र सम्पूर्ण कुल को नष्ट कर देता है।

निर्देश: निम्नलिखित शब्द का विलोम शब्द का चयन करें। 
‘चपल’
  • a)
    गंभीर
  • b)
    वाचाल
  • c)
    चंचल
  • d)
    उद्यमी
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

‘चपल’ का विलोम शब्द 'गंभीर' है।
चपल- चंचल, कहीं न टिकने वाला, शांत या स्थिर न रहने वाला।
गंभीर- कम बोलने और हँसी-मज़ाक से दूर रहने वाला, शांत, धीर, जो ख़ुश न हो।

साधु शब्द का बहुवचन रूप क्या होगा
  • a)
    साधुओं
  • b)
    साधुऐ
  • c)
    साधू
  • d)
    इनमें से कोई नहीं
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

साधु सही उत्तर है। वे शब्द जो किसी वस्तु की बहुलता को प्रकट करते हैं उन्हें बहुवचन के रूप में जाना जाता है। लड़के, कुत्ते, बिल्लियाँ आदि बहुवचन के कुछ उदाहरण हैं। हालाँकि, कुछ शब्द ऐसे हैं जो साधु, बैग आदि दोनों रूपों में समान हैं।

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